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महिलाओं ने रखा निर्जला एकादशी का व्रत, घर-घर हो रही पूजा Aligarh news

बिना जल ग्रहण किए श्रद्धालुओं ने रखा निर्जला एकादशी का उपवास घड़ा व पंखा की खरीदारी बढ़ी

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 12:24 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 05:53 PM (IST)
महिलाओं ने रखा निर्जला एकादशी का व्रत, घर-घर हो रही पूजा Aligarh news
महिलाओं ने रखा निर्जला एकादशी का व्रत, घर-घर हो रही पूजा Aligarh news

अलीगढ़ [जेएनएन] : निर्जला एकादशी मंगलवार को मनाई जाएगी। 24 एकादशी में सबसे बड़ी एकादशी निर्जला मानी जाती है। व्रत रखने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। सोमवार को व्रत के सामान के साथ ही दान-पुण्य के लिए बाजार में घड़ा-पंखा खरीदे गए। एटा चुंगीए नौरंगाबाद, दुबे का पड़ाव, सुदामापुरी, विष्णुपुरी, मसूदाबाद,  सारसौल, खैर रोड आदि स्थानों पर घड़ा व हाथ वाले पंखे की बिक्री हुई।

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भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत

श्रद्धालु दीपशिखा का कहना है कि मंगलवार को व्रत के दिन निकलना मुश्किल होता है इसलिए एक दिन पहले ही पूजन के सामान की खरीदारी कर ली, जिससे दान-पुण्य कर सकें। वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया कि वैदिक पंचाग में 11वीं तिथि एकादशी के नाम से जानी जाती है। एक माह में दो एकादशी पड़ती हैं। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी भी कहा जाता है। इस बार यह मंगलवार को पड़ रही है। इसलिए व्रत रखने वाले जातक सूर्योदय से सूर्यास्त तक जल ग्रहण नहीं करते हैं। भगवान विष्णु को यह व्रत सबसे प्रिय है।

24 एकादशी के व्रत के बराबर फल

मान्यता है कि निर्जला एकादशी को जो भी व्रत रखता है, उसे 24 एकादशी के व्रत के बराबर फल की प्राप्ति होती है। व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक किया । रोली, चंदन व माला अर्पित करें। नारियल, मिठाई आदि का भोग चढ़ाकर भगवान विष्णु का जाप करें।

यजमानों से अपील

तथास्तु ज्योतिष संस्थान के प्रमुख आचार्य लवकुश शास्त्री ने कहा कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से यजमानों से दान.पुण्य की अपील करते रहे। उन्होंने यमजानों से कहा कि वह अधिक से अधिक कुम्हार के घर बना घड़ा खरीदें। साथ ही पंखा भी खरीदेंए जिससे जरूरतमंदों की मदद हो सके।


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