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जिसके संग लिए अग्नि के सात फेरे, उसकी चिता को देनी पड़ी मुखाग्नि Aligarh News

एक तरफ पति की लाश थी तो दूसरी तरफ रोती-बिलखती तीन बेटियां। खुद बदहवास हुई जा रही थीं। वह खुद संभालती या बच्चियों को। ऐसे हालात में जब पति के शव के अंतिम संस्कार के लिए फूटी कौड़ी भी पास में न हो।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 11:14 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 06:14 AM (IST)
जिसके संग लिए अग्नि के सात फेरे, उसकी चिता को देनी पड़ी मुखाग्नि Aligarh News
एक तरफ पति की लाश थी तो दूसरी तरफ रोती-बिलखती तीन बेटियां।

अलीगढ़, जेएनएन। एक तरफ पति की लाश थी तो दूसरी तरफ रोती-बिलखती तीन बेटियां। खुद बदहवास हुई जा रही थीं। वह खुद संभालती या बच्चियों को। ऐसे हालात में जब पति के शव के अंतिम संस्कार के लिए फूटी कौड़ी भी पास में न हो। नेता-रिश्तेदार व पड़ोसी भी मदद को आगे न आ रहे हों। ऐसा दृश्य मंगलवार को पक्की सराय में देखने को मिला। बाद में मानव उपकार संस्था की मदद से अंतिम संस्कार हो पाया। बेटा न होने के कारण पत्नी ने ही चिता को मुखाग्नि दी। 

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शव को कोई हाथ लगाने को तैयार नहीं दिखा

पक्की सराय के मनोज वर्मा की लीवर व किडनी की बीमारी से लड़ते हुए मंगलवार को मौत हो गई। पत्नी सुलेखा स्वास्थ्य विभाग में आशा कर्मी है। वे पति की बीमारी का खर्च व तीन बेटियों (12 साल की भानवी, नौ साल की वंशिका व पांच साल की आशी) का भरण-पोषण कर रही थीं। सुलेखा को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें? कोई भी दाह-संस्कार में मदद को आगे नहीं आया। सुलेखा ने स्वास्थ्य विभाग में ही कार्यरत डॉ. अंशु सक्सेना को फोन करके आपबीती बताई तो वे तुरंत पहुंच गईं। सुलेखा को संभाला। मानव उपकार संस्था के अध्यक्ष विष्णु कुमार बंटी को फोन कर मदद मांगी। कुछ देर बाद ही संस्था का शवयात्रा यान पार्थिव शरीर को लाने के लिए घर पहुंच गया। उस समय भी शव को कोई हाथ लगाने को तैयार नहीं दिखा। डॉ. अंशु ने फिर लोगों को खरी-खरी सुनाई, तब कुछ लोग आगे आए। 

 मुखाग्नि की बात पर फूट फूटकर रोई सुलेखा

सुलेखा पति के शव के साथ नुमाइश मैदान स्थित मुक्तिधाम पहुंचीं। जहां मानव उपकार संस्था के अध्यक्ष विष्णु कुमार बंटी ने अपनी टीम के साथ अंतिम संस्कार की व्यवस्था कर रखी थी। समाजसेवियों ने सुलेखा को मुखाग्नि देने की सलाह दी तो वे फूट-फूटकर रोने लगीं। सुलेखा को समझाकर मुखाग्नि दिलवाई गई। इस मौके पर संस्था के अशोक गुप्ता गोल्डी, मुकलेश कश्यप, नूतन राजपूत, मनोज कुमार, अवधेश कुमार, देवेंद्र ङ्क्षसह मौजूद रहे।


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