सर्दी ने छीना लोगों का सुकून, सुबह कोहरे ने तो शाम को शीतलहर ने किया परेशान
पहाड़ों पर हिमपात व बीते दिनों हुई बारिश से ठंड बढ़ती जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार अभी फिलहाल ठंड से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। चिकित्सकों ने भी लोगों को अलर्ट किया है कि बिना वजह बाहर न निकलें।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सर्दी खूब अपने तेवर दिखा रही है। मंगलवार सुबह फिर कोहरे की चादर से लिपटी हुई आयी। वाहन चालक ही नहीं, अन्य राहगीरों को भी दिक्कत हुई। दृश्यता बाधित होने के कारण मुख्य मार्गों पर वाहनों को रेंग-रेंगकर गंतव्य पर पहुंचना पड़ा। 11 बजे तक सूरज के दर्शन नहीं हुए । अधिकतम तापमान 18 डिग्री व न्यूनतम 02 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड हुआ।
सुबह कोहरे की आगोश में रहा शहर
मंगलवार तड़के से ही कोहरे ने वातावरण को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया। सुबह लोग सोकर उठे तो शहर कोहरे की चादर से ढका नजर आया। मार्निंग वाक पर जानेवाले कोेहरा व कड़ाके की ठंड के तेवर देख बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। ठंड के तेवरों से बुजुर्ग व बीमार सहम रहे हैं। इनदिनों ऐसे लोग घर पर ही रहना ठीक समझ रहे हैं। सुबह मुख्य मार्गों पर जगह-जगह लोग अलाव जलाकर ठंड से बचाव करते नजर आए। वाहन की हेडलाइट जलीं हुई थीं, फिर भी रेंग-रेंगकर आगे बढ़ रहे थे।सुबह 10 बजे कोहरा छंटना शुरू हुआ, लेकिन सूरज नहीं निकला। शाम को ठंड और बढ़ गई। जनवरी का महीना कोहरे व सर्दी के सितम से गुजर रहा है।
सर्दी का सितम, आलू न हाे जाए बेदम
अलीगढ़। सर्दी के सितम से शहर ही नहीं गांव भी प्रभावित हैं। खेतों में लहलहा रहीं रबी की फसलों को लेकर किसान चिंतित हैं। खासकर आलू में झुलसा रोग की संभावना बढ़ रही है। किसानों को डर है कि बारिश ऐसे ही होती रही तो रोग लगने से आलू बेदम न हो जाए। सरसों के फूल बारिश में झड़ जाते हैं। कृषि वैज्ञानिक किसानों को कीटनाशक के छिड़काव की सलाह दे रहे हैं। गलन भरी सर्दी लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रही है। इस ठंडे मौसम ने किसानों का भी चैन छीन लिया है। ठंड से तो वह बच लेंगे, लेकिन फसलों काे कैसे बचाएं? ये चिंता सता रही है। तापमान गिरने और बारिश होने से सरसों में मांऊ और आलू में झुलसा रोग लगने का खतरा बढ़ गया है। फिलहाल कहीं से बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है। लेकिन, कृषि वैज्ञानिक एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक विनोद प्रकाश बताते हैं कि आलू की फसल में झुलसा रोग लगने पर पौधे की पत्तियां किनारे से ऊपर की ओर मुड़ने लगती हैं और सूख जाती हैं। सूखा हुआ भाग टूट जाता है। तब आलू पनप नहीं पाता। इसके लिए किसान उचित कीटनाशक का उपयोग कर सकते हैं। सरसों की फसल भी ऐसे मौसम में प्रभावित होती है। फूल झड़ने से दाना नहीं बन पाता। हल्की बारिश से फसलों को नुकसान नहीं है। तेज बारिश होने से नुकसान की संभावना बढ़ जाती है।