पहले देखेंगे फिल्म, फिर खेलेंगे प्रश्नोत्तरी तो गुणवत्ता में होगी बढ़ोतरी Aligarh news
अलीगढ़ जागरण संवाददाता । शिक्षा हो या खाना गुणवत्ता दोनों में ही होना बहुत जरूरी है। शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधारने के लिए पहले से ही शासनस्तर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। अब खाने की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी शासनस्तर से पहल की जा रही है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । शिक्षा हो या खाना गुणवत्ता दोनों में ही होना बहुत जरूरी है। शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधारने के लिए पहले से ही शासनस्तर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। अब खाने की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी शासनस्तर से पहल की जा रही है। खाना अगर छोटे बच्चों के लिए हो तो उसकी गुणवत्ता व स्वच्छता की खासतौर पर व्यवस्था करने की जरूरत होती है। कोरोना संक्रमण काल के बाद इसी गुणवत्ता व स्वच्छता की जरूरत को देखते हुए शासन ने जिले के सरकारी स्कूलों के लिए नई व्यवस्था बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। सभी खंड शिक्षाधिकारियों को इन व्यवस्थाओं को अमलीजामा पहनाने के निर्देश भी अफसरों ने दे दिए हैं। साथ ही इसके क्रियान्वयन के बाद इसकी रिपोर्ट भी मांगी गई है।
रसोइयों को दिया जाएगा खाना बनाने का प्रशिक्षण
कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील योजना के तहत पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इस भोजन को पकाने वाले रसोइयों के लिए शासनस्तर से कार्ययोजना तैयार की गई है। कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में एमडीएम पकाने वाले रसोइयों को अब खाना बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। शुद्धता, स्वच्छता व सुरक्षा का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। रसोइयों को पोषण प्रशिक्षण फिल्म दिखाने की व्यवस्था की गई है। विभाग के यू-ट्यूब लिंक पर भी फिल्म को अपलोड किया गया है। इसके अलावा प्रशिक्षण कार्यक्रम के आधार पर 15 से 20 सवालों की प्रश्नोत्तरी भी तैयार की जाएगी। किचन में प्रवेश करने से पहले रसोइयों को इस प्रश्नोत्तरी में प्रतिभाग कराया जाएगा। जिससे सुना व सीखा हुआ उनको हमेशा याद रहेे। विधिवत हाथ धोकर व कोविड गाइडलाइंस का पालन कर शुद्धता के साथ भोजन बनाने, किचन में साफ-सफाई रखकर व साफ बर्तन उपयोग कर स्वच्छता के साथ खाना पकाने के बारे में जानकारी देने के लिए कार्यशाला की जाएगी। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से ये भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किचन में छिपकली, चूहे या काकरोच आदि न हों, जो भोजन में गिरकर उसको दूषित या विषाक्त बनाएं।
इनका कहना है
बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने कहा कि प्रशिक्षण कार्य व पोषण प्रशिक्षण फिल्म दिखाने की गतिविधियों को हर विद्यालय में कराने के लिए खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।