अलीगढ़ में अब नहीं सुनाई देगा...हाहाहा मैं पूतना, जानिए मामला
रंगों से पुता चेहरा और पेट। लंबे बाल जोरदार आवाज....हाहाहा मैं पूतना। शोभायात्रा तो शहर में निकलती रहेंगी लेकिन अब ठहाके लगवाने वाला न तो ये चेहरा दिखेगा और न आवाज सुनाई देगी। 30 साल तक शहर को हंसाने वाले चर्चित प्रेमपाल उर्फ कुल्ली अब हमारे बीच नहीं रहे।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। रंगों से पुता चेहरा और पेट। लंबे बाल, जोरदार आवाज....हाहाहा मैं पूतना। शोभायात्रा तो शहर में निकलती रहेंगी, लेकिन अब ठहाके लगवाने वाला न तो ये चेहरा दिखेगा और न आवाज सुनाई देगी। इस किरदार के साथ 30 साल तक शहर को हंसाने वाले चर्चित प्रेमपाल उर्फ कुल्ली अब हमारे बीच नहीं रहे। वे 65 वर्ष के थे। सोमवार को दोपहर करीब दो बजे उनका घर पर ही निधन हो गया। इसका कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है।
शोक में डूूूबेे कुल्ली के चाहने वाले
इस खबर के बाद कुल्ली को चाहने वाले शोक में डूब गए। इंटरनेट मीडिया पर शाेक संदेश पोस्ट किए जा रहे हैं।अनेक लोग देहली गेट क्षेत्र में पशु चिकित्सालय के पीछे स्थित उनके घर तक पहुंच गए। शोभायात्रा, मेला में वे पूतना का किरदार निभाकर खूब हंसाते थे। अपने भारी-भरकम शरीर के साथ भाजपा की रैलियाें में आकर्षण का केंद्र बने रहते थे उनके पड़ोसी साेनू बताते हैं कि कुल्ली की पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी है। परिवार में गोद ली बेटी अंजली है, जिसकी शादी हो गई। 16 साल का बेटा है, इसे भी गोद लिया था। प्रेमपाल के निधन की सूचना फेसबुक पर पोस्ट होते ही तमाम लोग शोक जताने आ गए। मानव उपकार संस्था के अध्यक्ष विष्णु कुमार ने श्मशान घाट तक शव पहुंचाया। अंतिम संस्कार के लिए घर पर पैसे नहीं थे। तब सोनू और अनिल वाष्र्णेय मदद के लिए आगे आए। फिर पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने पूरा खर्चा स्वयं उठाया।
144 किलो वजन और कई मेले
प्रेमपाल का वजन 144 किलो था। करीब 30 साल से वह दशहरा, नवमी, गंगा सप्तमी, अक्रूर जी की शोभायात्रा और मेले में पूतना का निश्शुल्क किरदार निभाते थे। सभी उन्हें पूतना के नाम से पहचाने लगे। वह पीतल की मूर्तियों पर बैल्डिंग का काम करते थे। पूतना का किरदार निभाकर लोगों काे हंसाना उनका शोक था।
मित्र के निधन के बाद तोड़ा दम
प्रेमपाल के घनिष्ठ मित्र और पड़ोसी वनवारी लाल का सुबह 10 बजे निधन हुआ था। दोपहर दो बजे प्रेमपाल ने दम तोड़ दिया। दोनों दोस्तों की अचानक हुई मौत से हर कोई स्तब्ध रह गया। बताते हैं दोस्त के निधन की सूचना मिलने पर उन्हें हार्ट अटैक हुआ था। रोरावर श्मशान में दोनों का अंतिम संस्कार कराया गया।