यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : अलीगढ़ शहर की सीट से कौन होगा भाजपा का उम्मीद, संशय बरकरार, हर किसी की टिकी निगाह
भाजपा में शहर की सीट पर टिकट को लेकर अभी भी संशय बरकरार है। रविवार देररात तक टिकट की कोई घोषणा नहीं हुई थी। इससे सभी की धड़कनें तेज हैं। पार्टी नेतृत्व यहां से किसे मैदान में उतरता है उसे लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। भाजपा में शहर की सीट पर टिकट को लेकर अभी भी संशय बरकरार है। रविवार देररात तक टिकट की कोई घोषणा नहीं हुई थी। इससे सभी की धड़कनें तेज हैं। पार्टी नेतृत्व यहां से किसे मैदान में उतरता है, उसे लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। टिकट रोके जाना भी किसी रणनीति के तहत माना जा रहा है। विधायक संजीव राजा की सोमवार को हाईकोर्ट में तारीख है। संभावना जताई जा रही है कि पार्टी स्थिति देखने के बाद सोमवार शाम तक टिकट की घोषणा कर सकती है।
छह सीटों पर प्रत्याशी घोषित
भाजपा ने शनिवार को जिले की छह विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा कर दी थी। इसमें पांच पर एक बार फिर से पुराने जनप्रतिनिधियों पर भरोसा जताया है। अतरौली से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाती और सूबे में वित्त राज्य मंत्री संदीप सिंह मैदान में हैं। कोल से अनिल पाराशर, छर्रा ठा. रवेंद्र पाल सिंह, इगलास राजकुमार सहयोगी और खैर से अनूप वाल्मीकि को मैदान में उतारा है। बरौली से विधायक दलवीर सिंह को टिकट नहीं दी गई। यहां से पूर्व कैबिनेट मंत्री ठा. जयवीर सिंह को मैदान में उतारा गया है। एकमात्र शहर सीट से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है। माना जा रहा है कि शहर विधायक संजीव राजा का कोर्ट में एक मामला विचाराधीन है, इसलिए टिकट रोका गया है। सोमवार को घोषणा कर दी जाएगी। वहीं, रविवार को सुबह से ही टिकट को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। शहर में चाय की दुकान से लेकर चौराहों पर चर्चा थी। भाजपा किसे मैदान में यहां से उतार रही है, इस बारे में लोग कयास लगा रहे थे। शहर सीट पर हर किसी की निगाह रहती है, इसलिए आमजनमानस की जुबान पर था कि यहां से किसे टिकट मिल रहा है।
दावेदारों से प्रत्याशियों ने मुलाकात कर दूर की नाराजगी
टिकट की घोषणा होने के बाद से भाजपा के प्रत्याशी टिकट के अन्य दावेदारों से मुलाकात करने में जुट गए। सभी पांचाें सीटों से दावेदार अपनी अपनी विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर मुलाकात कर रहे हैं। प्रत्याशियों ने बातचीत की और चुनाव में लगने का आग्रह किया। तमाम जगहों पर तो प्रत्याशियों ने गले लगाया, निवेदन और आग्रह करके गिले-शिकवे दूर किए।