जहां 200 मीटर ऊंचाई पर होना चाहिए, वहीं उतर दिया गया था विमान aligarh news
दिल्ली से मेंटीनेंस के लिए आए एसीएस कंपनी का नौ सीटर चार्टर्ड विमान उतरते समय बिजली के तारों से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
अलीगढ़ (जेएनएन)। धनीपुर हवाई पट्टी पर 27 अगस्त को हुए विमान हादसे की अंतरिम मजिस्ट्रियल जांच पूरी हो गई है। जांच अधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट ने पायलट को हादसे के लिए दोषी माना है। डीएम को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि जहां 200 मीटर ऊंचाई पर विमान होना चाहिए था, पायलट ने वही उतार दिया और हादसा हो गया। अब अंतिम जांच डीजीसीए से रिपोर्ट आने पर तय होगी।
नवनिर्मित क्षेत्र था
दिल्ली से मेंटीनेंस के लिए आए एसीएस कंपनी का नौ सीटर चार्टर्ड विमान उतरते समय बिजली के तारों से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें सवार छह लोग बाल-बाल बचे थे। डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट विनीत कुमार को जांच सौंपी। एक सप्ताह तक उन्होंने एक दर्जन लोगों के बयान लिए। हवाई पट्टी के तकनीक स्टाफ व फ्लाइंग क्लब संचालकों के भी बयान लिए। प्रत्यक्षदर्शियों से बात की। मंगलवार को जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। इसमें माना गया है कि पायलट ने जल्दबाजी में विमान को उतार दिया। जिस जगह पर विमान उतारा गया था, वहां कोई मार्किंग नहीं थी। नवनिर्मित क्षेत्र था।
डीजीसीए की रिपोर्ट का इंतजार
मजिस्ट्रेट ने जांच में कहा है कि डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेेशालय) भी जांच कर रहा है। विमान के ऑयल सैंपल व वॉयस रिकॉर्डर भी उसी के पास हैं। हवा में ही विमान में कोई खराबी तो नहीं आई थी, इसकी पुष्टि डीजीसीए करेगा। उसकी रिपोर्ट के बाद ही जांच पर अंतिम मुहर लगेगी।
कंपनी ने भेजा जवाब
एसीएस कंपनी के प्रतिनिधियों ने प्रशासन के कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि विमान को मेंटीनेंस के लिए भेजने से पहले जानकारी हवाई पट्टी पर तैनात कर्मियों को फोन व वाट्सएप के माध्यम से दी गई थी। डीएम व एडीएम को मेल भेजा गया था। अफसरों ने जांच कराई तो पता चला कि हादसे के एक दिन बाद 28 अगस्त को मेल आया। कंपनी ने अन्य माध्यम से फायर ब्रिगेड की मांग नहीं की।
बिजली विभाग को कारण बताओ नोटिस
सिटी मजिस्ट्रेट ने बिजली विभाग के अफसरों को कारण बताओ नोटिस दिया है। कहा है कि बिजली विभाग को 15 अगस्त तक हवाई पट्टïी से तार हटाने थे, क्यों नहीं हटाए गए। 14 अगस्त को रिमाइंडर भी भेजा गया था। उसके बाद भी तार नहीं हटाए गए। अगर तार हट जाते तो हादसा नहीं होता।