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जब बाजारों की भीड़ और शोर शराबे से मन ऊबे तो चले आइए हरियाली की गोद में और बिताइए सुकून के पल

इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है ऐसे में इंसान को पेड़ों की छांव और हरियाली बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है। प्रदूषण से दूर अलीगढ़ के पार्क में इन दिनों ऐसा ही वातावरण है। पार्कों में बच्‍चों की जरूरत के हर साधन उपलब्‍ध हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 11:18 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 11:38 AM (IST)
जब बाजारों की भीड़ और शोर शराबे से मन ऊबे तो चले आइए हरियाली की गोद में और बिताइए सुकून के पल
अमृत योजना के तहत नगर निगम के निर्माण विभाग ने आठ पार्कों को विकसित कराया है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। बाजारों में भीड़ और हर ओर शोर-शराबे से दूर सुकून के कुछ पल बिताने की चाह हर किसी की होती है। तब आंखों के सामने तमाम चित्र घूमते हैं। लेकिन, ध्यान एक ही पर केंद्रित होता है, वो हैं पार्क। प्रदूषण से दूर इन पार्कों में हरियाली और शुद्ध हवा के बीच न सिर्फ आनंद की अनुभूति होती, बल्कि स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। कंप्यूटर, वीडियो गेम्स, टीवी और माल्स के वातावरण से दूर इन पार्कों में स्वजन संग समय बिताने का अलग ही मजा है। अब तो पार्कों में खेलने-कूदने के साधन भी हैं। झूलों पर बच्चे मस्ती करते नजर आते हैं, जवान और बुजुर्ग ओपन जिम में व्यायाम करते। घास पर बैठकर योगा भी कुछ लोग दिख जाएंगे। तब राहगीरों का भी मन करता है कि कुछ पल यही बिता लें। शहर में वैसे तो बहुत से पार्क हैं, लेकिन कुछ खास पार्क हैं, जहां जाकर हर उम्र का व्यक्ति खुश हो जाता है। इन पार्कों में टहलने का अलग ही अनुभव है। पार्कों के बदले स्वरूप पर प्रस्तुत है लोकेश शर्मा की रिपोर्ट ... 

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विकसित कराए आठ पार्क

अमृत योजना के तहत नगर निगम के निर्माण विभाग ने साढ़े चार करोड़ की लागत से आठ पार्कों को विकसित कराया है। हरियाली के साथ खेल-कूद के साधन हैं, व्यायाम के लिए इन पार्कों पर ओपन जिम हैं। फव्वारा जब चलता है तो लोग इसी के आसपास टहलते हैं। हवा के साथ पानी की फुहार टकराने से चेहरा खिल जाता है। इन पार्कों में बच्चे खूब मस्ती करते हैं। बुजुर्गों की महफिल जमती है, जिसमें हर मुद्दे पर चर्चा होती है। महिलाएं भी घर-गृहस्थी के मसलों पर बातें करती हैं। ऐसे नजारे हर रोज यहां देखने को मिलते हैं। ऐसे दो पार्क आवास विकास कालोनी जेल रोड पर हैं। आगरा रोड स्थित लोधी विहार पार्क, विवेकानंद पार्क, चित्रगुप्त पार्क एडीए कालोनी, महात्मा गांधी पार्क टीकाराम कालेानी, मानसरोवर पार्क और ज्ञानसरोवर पार्क विकसित कराए गए हैं। निर्माण विभाग के जेई अमरीश वर्मा बताते हैं कि पार्कों में बच्चों के खेलने के उपकरण, ग्रीनरी, फव्वारे, बाउंड्री वाल, डस्टबिन, सोलर हाइमास्ट लाइट, बोलार्ड लाइट व अन्य कार्य कराएं गए हैं। उधर, तस्वीर महल चौराहे पर स्मार्ट सिटी के तहत राजा महेंद्र प्रताप ङ्क्षसह पार्क विकसित किया गया है। पूरे पार्क को नए सिरे से बनाया गया है। वाङ्क्षकग ट्रैक, अंडरग्राउंड लाइङ्क्षटग, फव्वारे, ग्रीनलैंड आदि व्यवस्थाएं की गई हैं। आवास विकास स्थित झूलेलाल पार्क की देखरेख कर रहे मनमीन कहते हैं कि पार्क में बेहतर व्यवस्थाएं हैं। बुजुर्ग महिलाओं के व्यायाम की मशीनें और लग जाएं तो ठीक रहेगा।

कबाड़ से सजा दिया पार्क

जिन वस्तुओं को कबाड़ समझकर फेंक दिया जाता है, उन्हीं को आकर्षक रूप देकर नगर निगम ने अशोक नगर पार्क को संवारा है। गूलर रोड स्थित इस पार्क में पुराने टायर, रिक्शा और बोतलों को नए स्वरूप में ढालकर जगह-जगह लगाया है। पक्षियों के दाना-पानी के लिए डिब्बे और बोलतों का बेहतर उपयोग किया है। आकर्षक रंगों से सजी वस्तुएं पार्क में आने वालों को लुभाती हैं। कूड़ा उठाने के कबाड़ हो चुके रिक्शे को आकर्षक रूप देकर पार्क के एक हिस्से में रखा है। प्लास्टिक के डिब्बे, लकड़ी व अन्य वस्तुओं से रिक्शा चालक का स्वरूप दिया है। कूड़ा डालने वाले बाक्स में लगे पौधे खूब भाते हैं। कुर्सी-मेज की पाइप को रंगकर प्लेटफार्म के चारों ओर रैङ्क्षलग लगाई गई है। लोग कुछ क्षण इस रिक्शे को जरूर देखते हैं। दीवारें भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। पेड़ों से लटके रंग-बिरंगे डिब्बों में पक्षियों के लिए दाना-पानी रखने की जिम्मेदारी क्षेत्रीय लोगों को दी गई है। सफाई कर्मचारी भी दाना-पानी का ख्याल रखते हैं। पार्क की रैङ्क्षलग पर पुराने टायर काटकर लटकाए गए हैं, इनमें पक्षियों के लिए पानी भरा जाता है। ट्रैक्टर के टायर को मेज का स्वरूप देकर बेंचों के बीच रखा है। यहा बैठकर क्षेत्रीय लोग चाय की चुस्कियों के साथ गपशप करते हैं। रंगों से सजाए गए टायर काटकर वाङ्क्षकग ट्रैक के सहारे लगाए गए हैं। देखकर लगता है कि मानो जमीन से ड्रैगन निकल रहा हो। पार्क में सजीं इन वस्तुओं को देख बच्चे रोमांचित होते हैं।

26 करोड़ से संवरेगा जवाहर पार्क

जिला मुख्यालय के सामने 42 एकड़ में फैला जवाहर पार्क जनपद का सबसे बड़ा पार्क है। यहां बागवानी भी होती है। उद्यान विभाग ने पार्क में आंवला, अमरुद, नींबू के बाग लगाए हैं। सब्जियों पर शोध कार्य भी होते हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से यहां करने के लिए बहुत संभावनाएं हैं। यही कारण है कि स्मार्ट सिटी परियोजना में इस पार्क को शामिल किया गया। इसे विकसित करने का जो खाका तैयार किया गया है, उसमें पुराने स्वरूप के आधार पर ही नया निर्माण होना है। सुरक्षा के लिहाज से जगह-जगह हाइटेक सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। स्मार्ट टायलेट, आकर्षक फव्वारे होंगे। हर उम्र के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखने हुए पार्क में सुविधाएं दी जाएंगी। पार्क में ओपन जिम की व्यवस्था पहले से है। आने वाले दिनों में खेलकूद, व्यायाम के आधुनिक संसाधन यहां उपल्ब्ध होंगे। योग करने के लिए विशेष परिसर बनाया जाएगा, जहां चारों ओर हरियाली होगी। इस पार्क में 375 मीटर लंबा ङ्क्षसथेटिक व प्राकृतिक जाङ्क्षगग ट्रैक का निर्माण होगा। वाङ्क्षकग ट्रैक पर अंडरग्राउंड लाइङ्क्षटग, नए फव्वारे, फ्लोवर लान, ग्रीनलैंड, एंफीथिएटर, सैंडपिट, भूल-भूलैया, वाद्ययंत्र, रैन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम आदि व्यवस्थाएं और सुविधाएं होंगी। बच्चों के एडवेंचर गेम भी होंगे। जैसे दीवार और रस्सी पर चढऩा, राड पर बैलेंस बनाना आदि।

स्वर्ण जयंती नगर में चिल्ड्रन पार्क

स्वर्ण जयंती नगर स्थित पार्क को उद्यान और निर्माण विभाग ने चिल्ड्रन पार्क के रूप में विकसित किया है। इसके अलावा शिवाजी पार्क प्रीमियम नगर, सद्भावना पार्क विकास नगर, आशीर्वाद पार्क बैंक कालोनी, कल्पना पार्क बैंक कालोनी, विकास नगर पार्क रेलवे कालोनी को भी चिल्ड्रन पार्क के रूप में विकसित करने की योजना है। इन पार्कों में क्रिकेट नेट प्रैक्टिस, बास्केट बाल पोस्ट, गोल पोस्ट भी लगाए जाएंगे।


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