बंद कमरे हुई वार्ता तो मान गए सफाई कर्मचारी नेता, जानिए क्या है मामला Aligarh News
नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए सफाई कर्मचारी नेता बंद कमरे में हुई वार्ता के बाद मान गए। अब काेई शिकायत उन्हें नहीं है। मंगलवार को शुरू किया अनिश्चितकालीन धरने की समाप्ति की घोषणा शाम को ही कर दी।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए सफाई कर्मचारी नेता बंद कमरे में हुई वार्ता के बाद मान गए। अब काेई शिकायत उन्हें नहीं है। मंगलवार को शुरू किया अनिश्चितकालीन धरने की समाप्ति की घोषणा शाम को ही कर दी। जबकि, सुबह के वक्त कर्मचारी नेता काफी उग्र हो रहे थे। निगम अधिकारियों के मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। अपर नगर आयुक्त की बर्खास्तगी की मांग तक कर दी। अब अधिकारियों से हुए समझौते को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी हैं। कर्मचारी नेताओं के एक अन्य गुट में भी बंद कमरे में हुई वार्ता को लेकर कानाफूसी हो रही है।
अपर नगर आयुक्त के केबिन के बाहर हो चुका है हंगामा
नगर सफाई मजदूर संघ के पूर्व महामंत्री सुशील टुंडा की अगुवाई में अनिश्चितकालीन धरना शुरू हुआ था। इससे पहले भी वह सेवाभवन में अपर नगर आयुक्त के केबिन के बाहर हंगामा कर चुके थे। तब पूर्व महामंत्री समर्थकों के साथ अपर नगर आयुक्त के चेंबर में पहुंचे। लेकिन, वह मौजूद नहीं थे। फिर अपर नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कर्मचारी और अधिकारी अपने-अपने चेंबरों से बाहर निकल आए। पूर्व महामंत्री जवाहर भवन में नगर आयुक्त से मिलने पहुंचे और उन्हें ज्ञापन देकर फर्जी नियुक्ति के मामले में जांच कराने की मांग की। उनका कहना है कि कमिश्नरी में तैनात रहे लिपिक ने आउटसोर्सिंग से नियुक्ति कराने के नाम पर पांच लोगों से 75-75 हजार रुपये लिए। अपर नगर आयुक्त कार्यालय से एक जून को इन कर्मचारियों की तैनाती जोन दो में करने के आदेश हुए, जिसे फर्जी बताया जा रहा है। कर्मचारियों काे फर्जीवाड़े का पता चला तो अपर नगर आयुक्त से मुलाकात कर शिकायत की गई। यहां उनसे अभद्रता की गई, लिपिक से अपने संबंध भी बताए। लिपिक इन दिनों बुलंदशहर जेल में हैं। पूर्व महामंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की समस्या और अधिकारियों के व्यवहार को लेकर धरना दिया गया था। शाम को नगर आयुक्त ने केबिन में बुलाकर वार्ता की। उन्हें समस्याएं बताई गईं। नगर आयुक्त ने भविष्य में कर्मचारियों से गलत व्यवहार न होने देने का आश्वासन दिया है। नगर आयुक्त के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया।