लगातार बदल रहा मौसम का मिजाज, सर्दी में बढ़ गई त्वचा रोगियों की संख्या, सतर्क रहें
मौसम का मिजाज निरंतर करवट ले रहा है। ऐसे में सर्दी खांसी जुकाम बुखार सांस व अन्य मौसमी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ गई है। वहीं सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी में त्वचा रोग के मरीज भी काफी सामने आ रहे हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। मौसम का मिजाज निरंतर करवट ले रहा है। ऐसे में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, सांस व अन्य मौसमी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ गई है। वहीं, सरकारी व निजी अस्पतालों की अोपीडी में त्वचा रोग के मरीज भी काफी सामने आ रहे हैं।विशेषज्ञों के अनुसार तापमान में गिरावट, ठंडी हवा और धूप की कमी का सीधा असर त्वचा पर पड़ता है। इससे त्वचा शुष्क होने लगती है। सर्द में दाद, खाज, खुजली, सोरायसिस, फुंसी-फोड़े का खतरा बढ़ जाता है।
आरोग्य मेलों में भी 238 त्वचा रोगी मिले
रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेलों का आयोजन हुआ। इसमें 1442 लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिला। इसमें 581 पुरुष, 683 महिलाएं और 178 बच्चे शामिल रहे। इनमें आंखों के 13, बुखार के 71, डायबिटीज के 64, एनीमिया के 18, हाइपरटेंशन के 21, लीवर के 25, श्वसन के 126, संभावित टीबी के 02, प्रसव पूर्व जांच के 125 तथा अन्य रोगों के 550 रोगी पहुंचे। जबकि, त्वचा रोग के सबसे ज्यादा 238 मरीज सामने आए।
ऐसे करें बचाव
दीनदयाल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. राजेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि इस मौसम में त्वचा सूखने लगती है। इसके लिए कोई भी कोल्ड क्रीम, वैसलीन या सरसों का तेल ही लगा सकते हैं। चिल ब्लेन से बचने के लिए पैरों में गर्म मौजे व हाथ में दस्ताने पहनने चाहिए। महिलाएं बर्तनों की सफाई करते समय गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। रोजाना स्नान करें और साफ-सफाई का ध्यान रखें। संक्रमित व्यक्ति की रजाई या कंबल का इस्तेमाल न करें।
खानपान का रखे ध्यान
डा. वार्ष्णेय के सर्दी के मौसम में लोग पानी का सेवन कम कर देते हैं, क्योंकि इस मौसम में प्यास कम लगती है। इससे शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है। इसलिए सर्दी में भी ढाई से तीन लीटर पानी जरूर पीएं। त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हरी सब्जियां, मौसमी फल, सूखे मेवा व पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए। ठंड से बचाव के लिए अधिक समय तक तेज धूप में न बैठें।