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ग्‍लेशियर टूटने से आई आपदा में फंसे लोगों को राहत पहुंचा रहे अलीगढ़़ के विकास Aligarh news

उत्‍तराखंड में ग्‍लेशियर टूटने से आई आपदा का नाम सुनते ही रूह कांप जाती है। देश के जवान इस आपदा में अपनी जान की परवाह किये वगैर यहां फंसे लोगों को बचाने का कार्य में जुटे हुए हैं।इन्हीं जवानों में अलीगढ़ के पिसावा क्षेत्र के विकास चौहान भी मौजूद हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 02:14 PM (IST)Updated: Mon, 15 Feb 2021 02:14 PM (IST)
ग्‍लेशियर टूटने से आई आपदा में फंसे लोगों को राहत पहुंचा रहे अलीगढ़़ के विकास Aligarh news
उत्‍तराखंड में ग्‍लेशियर टूटने से आई आपदा का नाम सुनते ही रूह कांप जाती है।

अलीगढ़, जेएनएन : उत्‍तराखंड में ग्‍लेशियर टूटने से आई आपदा का नाम सुनते ही रूह कांप जाती है।  देश के जवान इस आपदा में अपनी जान की परवाह किये वगैर यहां फंसे लोगों को बचाने का कार्य में जुटे हुए हैं।इन्हीं जवानों में अलीगढ़ के पिसावा क्षेत्र के विकास चौहान भी मौजूद हैं। जो जी जान से राहत कार्य में लगा हुआ है।

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आइटीबीपी में सेफ्टी ऑफिसर हैं विकास

गांव महगौरा निवासी विकास चौहान पुत्र कुशल पाल सिंह गाजियाबाद  एनडीआरएफ बटालियन (आइटीबीपी) में सेेफ्टी ऑफिसर हैं। उत्तराखंड में आयी आपदा के बाद रेस्क्यू के लिए उन्हें भी यहां भेजा गया है।रविवार को हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि आपदा ने एनटीपीसी प्रोजेक्ट के आसपास क्षेत्र को अपनी जद में ले लिया है जिससे काफी नुकसान पहुंचा है। उनकी टीम टीम द्वारा मलबे से अनेक लोगों के शव बरामद किए गए हैं और सैकड़ों लोगों की जान भी बचाई गयी है। विकास ने बताया कि यहां मौजूद टनल में पूरी तरह मलबा भरा होने से उसको खाली करने में बेहद खतरा होता है। इसके साथ ही ग्लेशियर टूटने की आशंका हमेशा बनी रहती है। थोड़ी भी असावधानी पर कोई भी हादसा हो सकता है।


टनल के भीतर नेटवर्क नहीं काम करता

टनल के भीतर फोन के नेटवर्क काम नहीं करते, जिससे अन्य साथियों तक से सम्पर्क नहीं हो पाता है, लेकिन इन सब खतरों की परवाह किए बगैर उनकी टीम बीते रविवार से  अभी तक राहत बचाव कार्य में जुटी हुई है। विकास ने बताया कि आज के अभियान में खुदाई कर 6 से 7 लोगों के शवों को टीम द्वारा निकाले गया है।फिलहाल वे तपोवन व धोरीगंगा में लोगों के शव खोजने का काम में जुटे हैं।


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