Poisonous Liquor Case : पुलिस की सख्ती से टूटा विजेंद्र कपूर, 400 लीटर मिथाइल कराई बरामद Aligarh news
शराब प्रकरण में आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद इनके कच्चे-चिट्ठे भी खुलते जा रहे हैं। हरदुआगंज में पकड़ी गई फैक्ट्री के केमिकल में मिथाइल की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। बुधवार को जब फैक्ट्री के मालिक विजेंद्र कपूर को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो उसने सहयोग नहीं किया
अलीगढ़, जेएनएन। शराब प्रकरण में आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद इनके कच्चे-चिट्ठे भी खुलते जा रहे हैं। हरदुआगंज में पकड़ी गई फैक्ट्री के केमिकल में मिथाइल की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। बुधवार को जब फैक्ट्री के मालिक विजेंद्र कपूर को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो उसने सहयोग नहीं किया और पुलिस को घुमाने की भी कोशिश की। लेकिन, सख्ती से पूछताछ में उसकी निशानदेही पर चार सौ लीटर मिथाइल और बरामद की गई है। हालांकि पुलिस इसकी पुष्टि के लिए एल्कोहल की जांच करा रही है।
30 मई को पुलिस ने आबकारी टीम के साथ की थी छापेमारी
रामघाट रोड पर तालानगरी स्थित मै. वरदान इंक एंड साल्वेंट प्राइवेट लिमिटेड पर 30 मई की रात पुलिस, आबकारी की टीम ने छापेमारी की। फैक्ट्री मालिक क्वार्सी क्षेत्र के विधानगर निवासी विजेंद्र कपूर निवासी और अतरौली क्षेत्र के ककेथल निवासी सुमित कुमार मौके पर ही मिले। पुलिस ने मौके से स्प्रिट केमिकल से भरे 203 ड्रम जब्त किएा। इनमें कई ड्रमों में एथाइल/रेक्टीफाइड स्प्रिट पाया गया। इनमें से बुरी गंध आ रही थी। जांच में मिथाइल की पुष्टि हुई। इसी केमिकल से शराब बनाई गई थी। इसे देखते हुए बुधवार को सीओ सुदेश गुप्ता ने हरदुआगंज थाने में विजेंद्र को आठ घंटे की रिमांड पर लेकर पूछताछ की। विजेंद्र की निशानदेही पर उसकी हरदुआगंज की फैक्ट्री के पास ही से एक जगह पर चार सौ लीटर मिथाइल मिली है, जो विजेंद्र ने छिपा रखी थी। फैक्ट्री से कुछ दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। ये भी सामने आया है कि विजेंद्र की फैक्ट्री में बनने वाले सैनिटाइजर में भी दूसरे केमिकल का इस्तेमाल हो रहा था। एसपी देहात शुभम पटेल ने बताया कि पूछताछ में विजेंद्र ने कबूल किया है कि मिथाइल उसी की फैक्ट्री से गई है। उसका ये भी कहना है कि उसने मिक्स सालवेंनट मंगाया था। लेकिन, गलत आर्डर आने के चलते ऐसा हुआ है।
हैदराबाद और बरेली से मंगाता था केमिकल
एसपी देहात ने बताया कि विजेंद्र हैदराबाद और बरेली की कंपनियों से कई वर्षों से केमिकल मंगा रहा था। दोनों जगहों को लाइसेंस भी उसके पास हैं। अभी तक ये नहीं पता चला है कि उसने मिथाइल कहां से मंगाई थी। इतना स्पष्ट है कि विजेंद्र इस कारोबार में संलिप्त था। लेकिन, पूछताछ में वह सहयोग नहीं कर रहा है। कई बातों को टाल भी रहा है। उसे दोबारा रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। पता लगाया जाएगा कि वह और कहां-कहां इसकी सप्लाई करता था।