अलीगढ़, जेएनएन। अन्नदाता को निर्धारित कीमत पर खाद (यूरिया) उपलब्ध कराने के सरकार ने मानक तय किए हैं। खाद निर्माता कंपनियों को भी अनुदान मिल रहा है। बावजूद इसके थोक बाजार से मनमाना
भाड़ा
जोड़कर
खाद खुदरा बाजार में उतारा जा रहा है। जबकि, कंपनियां
रेक
प्वाइंट से गोदाम तक
भाड़ा
देती हैं। खेल 10 से 15 रुपये प्रति बैग का जरूर है, लेकिन लाखों की
तादात
में बैग सप्लाई होते हैं तो
कराेड़ों
में पहुंच जाता है। जिंक, जायम, ग्रोथ प्रमोटर आदि अनुपयोगी सामान तो कंपनियां ही दे रही हैं, जिन्हें किसानों को जबरन बेचा जाता है।
केंद्र सरकार ने यूरिया की कीमत 266.50 रुपये प्रति बैग निर्धारित की है, लेकिन किसानों को यह यूरिया 280 से 300 रुपये प्रति बैग मिल रहा है। दरअसल, खाद निर्माता कंपनियां
रेक
से गोदाम तक यूरिया उतारने का
भाड़ा
भी थोक विक्रेता को देती हैं। थोक व्यापारी यही माल खुदरा बाजार में उतारते हैं और छोटे व्यापारियों से
रेक
से उनके केंद्रों तक का
भाड़ा
वसूलते हैं, जो 10 से 15 रुपये प्रति बैग तक होता है।
भाड़ा
लगाकर एक बैग खुदरा व्यापारी को 270 का
पड़ता
है, 10 रुपये अपना मुनाफा
जोड़कर
व्यापारी 280 प्रति बैग किसानों को बेच देता है। यूरिया की किल्लत बताकर 300 रुपये तक बैग बेचा जा रहा है। ऐसा ही एक मामला पूर्व में
पकड़ा
गया था। जिसमें 18 दिसंबर, 19 को एक फर्म ने 255 रुपये प्रति बैग के हिसाब से 300 बैग यूरिया खुदरा व्यापारी को बेचा, यही यूरिया दूसरी एजेंसी ने उतने ही बैग 245 रुपये प्रति बैग के हिसाब से बेचे। दोनों की कीमतों में 3001 रुपये का अंतर था। इसमें
भाड़ा
अलग से
जोड़
गया। मामला उजागर हुआ तो कार्रवाई के डर से थोक व्यापारी को
भाड़ा
वापस करना
पड़ा
था।
जिंक,
जायम
भी थोप रहे
भाकियू के अतरौली तहसील अध्यक्ष प्रवीन यादव ने बताया कि कस्बा दादों में 320 रुपये प्रति बैग बेचा जा रहा है। जिंग,
जायम
व अन्य लगेज भी जबरन किसानों को बेचा जा रहा है। पिछले दिनों कार्यकर्ता को किसान बनाकर एक केंद्र पर भेजा गया तो यूरिया की किल्लत बताकर एक बैग की कीमत 320 रुपये बताई। यूरिया निर्माता कंपनियां थोक बाजार में यूरिया के साथ जिंक,
जायम
व अन्य अनुपयोगी सामान देती हैं। जो खुदरा बाजार से किसानों को बेच दिया जाता है।
यूरिया की नहीं है किल्लत
यूरिया की किल्लत नहीं है। 1500 मीट्रिक टन यूरिया बफर में हैं, 1000 मीट्रिक टन सहकारी समितियों पर और 4500 मीट्रिक टन निजी केंद्रों पर मौजूद है। 32 हजार मीट्रिक टन यूरिया की एक
रेक
सोमवार को आएगी।
कालाबाजारी पर सीधे मुकदमा
जिला कृषि अधिकारी विनोद सिंह ने बताया कि यूरिया की किल्लत बताकर अधिक पैसा वसूल रहे व्यापारियों के खिलाफ सीधे मुकदमा दर्ज किया जाएगा। ब्लॉक स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात हैं, जो निगरानी रखे हुए हैं। निर्धारित कीमत पर ही यूरिया बेचा जाएगा।
नियुक्त किए
नाेडल
अधिकारी
यूरिया की कालाबाजारी पर नजर रखने के लिए प्रत्येक विकास खंड में नोडल अधिकारी नियुक्त कर मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए हैं।
चंडाैस
में भूमि संरक्षण अधिकारी (9548967516), खैर व
लोधा
में जिला कृषि अधिकारी (8957901115),
टप्पल
में अपर जिला कृषि अधिकारी (9758717033),
धनीपुर
व
अकराबाद
में उप संभागीय कृषि अधिकारी (9456433956), जवां में एआर
कोपरेटिव
(7380605566),
गंगीरी
व अतरौली में मृदा सर्वेक्षण अधिकारी (7985338655),
इगलास
व
गौंडा
में जिला कृषि रक्षा अधिकारी (9411610004) व
बिजौली
में
एडीसीओ
(9450511375) नियुक्त किए हैं।