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ईदगाह में पुलिस कार्रवाई पर हंगामा, अफवाहों ने उड़ाए होश

जासं अलीगढ़ शहर के संवेदनशील शाहजमाल स्थित निर्माणाधीन पुरानी ईदगाह में पुलिस द्वारा तोड

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 01:43 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 01:43 AM (IST)
ईदगाह में पुलिस कार्रवाई पर हंगामा, अफवाहों ने उड़ाए होश
ईदगाह में पुलिस कार्रवाई पर हंगामा, अफवाहों ने उड़ाए होश

जासं, अलीगढ़ : शहर के संवेदनशील शाहजमाल स्थित निर्माणाधीन पुरानी ईदगाह में पुलिस द्वारा तोड़फोड़ व युवकों को पीटने की खबर ने बुधवार को हंगामा खड़ा कर दिया। सैकड़ों लोगों की भीड़ बड़ी ईदगाह पर इकट्ठा हो गई और जमकर नारेबाजी की। शहर मुफ्ती व पुलिस ने जैसे-तैसे उन्हें समझाया। ऐहतियातन पुलिस व पीएसी को तैनात किया गया है। पुलिस का कहना है कि असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ करने की अफवाह फैलाकर माहौल खराब करने की कोशिश की है, जिन्हें चिह्नित किया जा रहा है। इस घटना के पीछे पुलिस की नासमझी भी सामने आ रही है। लोगों का मानना है कि पुलिस अगर ईदगाह कमेटी या संभ्रांत लोगों को विश्वास में लेकर ईदगाह में जाती तो ये नौबत ही नहीं आती।

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शाहजमाल में कब्रिस्तान के पास ही पुरानी ईदगाह है। लाकडाउन से पहले यहां मरम्मत चल रही थी। इमारत बनने के बाद प्लास्टर आदि का काम शेष था। अप्रैल 2020 में प्रशासन के आदेश पर निर्माण को रोक दिया गया। तभी से यहां बल्ली आदि लगी हुई हैं। खुफिया तंत्र को मंगलवार रात निर्माण होने की जानकारी मिली। इस पर देहली गेट थाने की पुलिस ईदगाह पहुंची। रात में और क्या हुआ किसी को कुछ नहीं पता? सुबह लोगों को इसकी जानकारी हुई। ईदगाह के दरवाजे का कुंडा टूटा मिला। इससे लोग और भड़क गए। एक मौलाना ने आरोप लगाया कि पुलिस रात 12 बजे आई थी। दरवाजा न खुलने पर उसे खींचा, जिससे गेट का कुंडा टूट गया। अंदर मौजूद युवकों को पीटा। कुछ देर बाद ही ये खबर तेजी से फैल गई कि पुलिस ने ईदगाह में तोड़फोड़ की है। कुछ देर में ही सैकड़ों लोग वहां इकट्ठा हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। मामला संवेदनशील होने पर सिटी मजिस्ट्रेट विनीत कुमार सिंह, सीओ प्रथम प्रशांत सिंह, इंस्पेक्टर देहलीगेट आशीष कुमार पहुंच गए। लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई नहीं माना। तनाव को देखते हुए कोतवाली, बन्नादेवी व सासनीगेट थाने का पुलिस फोर्स भी बुला लिया गया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की। इसके बाद प्रशासन ने शहर मुफ्ती मोहम्मद खालिद हमीद व इलाके के अन्य संभ्रांत लोगों को बुलाया। करीब घंटेभर बाद शहर मुफ्ती के समझाने पर लोग शांत हुए। कब्रिस्तान वक्फ नंबर 63 के सचिव मुईन मोनू ने बताया कि प्रशासन के स्टे के बाद ईदगाह में कोई काम नहीं हो रहा था। अब प्रशासन से इसका नक्शा पास कराकर दोबारा निर्माण शुरू कराया जाएगा।

जगह-जगह डटी रही भीड़

हंगामा शांत होने के बाद पुरानी ईदगाह से लेकर कई जगह भीड़ डटी रही। बड़ी ईदगाह के इर्द गिर्द भी युवक हल्ला करने लगे। कई बार पुलिस ने इन्हें समझाकर हटाया। तनाव को देखते हुए कोतवाली, सासनीगेट, बन्नादेवी, मडराक, जवां आदि थानों का फोर्स तैनात किया गया है। पीएसी बल भी तैनात है।

अफवाह उड़ी कि लहूलुहान हालत में पड़े हैं लोग

अफवाह का स्तर इतना बड़ा था कि कुछ लोगों ने ये भी कहा कि जमातियों को बुरी तरह पीटा गया है। जो लहूलुहान हालत में पड़े हैं। इस पर पुलिस के होश उड़ गए। मौके पर कुछ नहीं मिला। इंस्पेक्टर आशीष कुमार ने खुद भीड़ के बीच जाकर बातचीत की। यहां तक कह दिया कि जिसे पीटा है, वो सामने आ जाए। इस पर कोई सामने नहीं आया। इंस्पेक्टर ने ईदगाह में घुसने पर खेद भी जताया।

शरारती तत्वों ने बिगाड़ा माहौल

भीड़ का विरोध यही था कि ईदगाह में पुलिस रात में क्यों गई? अगर कोई ऐसी सूचना थी कि इलाके के संभ्रांत लोगों से भी बातचीत हो सकती थी। इसी का कुछ शरारती तत्वों ने फायदा उठाया और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की।

निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन

एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने डीएम से मुलाकात की। सलमान ने कहा है कि डीएम ने पूरा आश्वासन दिया है कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराएंगे। जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी। सलमान ने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है।

मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग

पूर्व विधायक जमीरउल्लाह ने घटना की निदा की है। कहा कि पुलिस ने जिस तरह गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए धार्मिक स्थल में मारपीट और बदतमीजी की है, उससे बड़ा झगड़ा हो सकता था। इसके लिए मौके पर जाकर लोगों को समझाया। आइजी, डीएम, एसएसपी को तहरीर देकर दोषी कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।

बर्खास्त किए जाएं पुलिसकर्मी

सपा नेता रुबीना खानम ने ईदगाह के प्रकरण में दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह दंगा भड़काने की साजिश थी। पुलिस ने किसके इशारे पर गुंडागर्दी की है, इसकी जांच होनी चाहिए। समाज में इसको लेकर आक्रोश है। दोषियों को बर्खास्त नहीं किया गया तो सड़क पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा।


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