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यूपी विधानसभा चुनाव 2022: अलीगढ़ में मतदाता बोले,विकास करना वाला हो विधायक

गभाना में आप किसी रोड पर जाइए शहर से गांव तक यदि चर्चा है तो बस चुनाव की। शनिवार को गभाना से दौरऊ मोड़ तक भी यही नजारे थे। मौसम भले सर्द थे लेकिन चुनावी गर्माहट थी। जगह-जगह चौपाल। खेत से गलियों तक प्रत्याशियों पर बहस करते लोग।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 11:59 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 11:59 AM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव 2022:  अलीगढ़ में मतदाता बोले,विकास करना वाला हो विधायक
घूमते समय मतदाताओं की इस चुनाव से उम्मीदें साफ नजर आ रही थीं।

अलीगढ़, विवेक शर्मा। गभाना में आप किसी रोड पर जाइए, शहर से गांव तक यदि चर्चा है तो बस चुनाव की। शनिवार को गभाना से दौरऊ मोड़ तक भी यही नजारे थे। मौसम भले सर्द थे, लेकिन चुनावी गर्माहट थी। जगह-जगह चौपाल। खेत से गलियों तक प्रत्याशियों पर बहस करते लोग। सभी में इस बार क्षेत्र की समस्याओं के निदान होने की उम्मीद भी दिखी। गुण-दोष गिनाती तेज आवाज जोश बता रही थी तो क्षेत्र की समस्याएं गुस्सेे का एहसास करा रही थी। सभी के अपने तर्क थे। पर, क्षेत्र के विकास पर सभी एक राय थे। उनका कहना था कि क्षेत्र का विकास कराने वाले को ही विधायक बनाना चाहिए।

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यह हैं गांव के हालात

पूरे गांव में बाइक से घूमते समय मतदाताओं की इस चुनाव से उम्मीदें साफ नजर आ रही थीं। सुबह के 11 बज रहे थे। बादलों से सूर्यदेव निकलते तो कभी छिप जाते। ठंडी हवा कम न थी। बरौली विधान सभा क्षेत्र के गांव पनिहावर के मुख्य रोड पर ठंड का असर साफ था। चहल-पहल कम थी। खेतों पर किसान फसल संभालने में जुटे थे। बाइक आगे बढ़ी तो एक खेत से डंडा घुमाते हुए राजेंद्र सिंह दिखे। वे अपनी धुन में मस्त थे। रोकते ही मजाकिए लहजे में बोले, जिसमें नहीं खोट, उसी को वोट। कुछ सवाल करते ही बोले, सुबह से निराश्रित पशुओं को भगाने में लगे थे। जरा सी नजर चूकने पर फसल को नुकसान कर देते हैं। बड़ी समस्या यही है। इसकी जानकारी तो जनप्रतिनिधियों व तहसील के अधिकारियों को भी है, पर वे करते कुछ नहीं है। पिछले सालों में और सब ठीक रहा, पर खाद की समस्या ने परेशान किया। इस बार तो वोट सोच समझकर ही देंगे। प्रदेश के विकास, कानून, बिजली आदि व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने व माहौल को और अच्छा बनाने वाली पार्टी के प्रत्याशी को चुनेंगे कहते हुए फिर डंडा घुमाते आगे बढ़ गए। रुके हम भी नहीं।

जनता की कसौटी पर खरी उतरने वाली ही अच्छी सरकार

दौरऊ मोड़ पर कुछ लोग अलाव के सहारे बैठकर चुनावी चर्चाओं में मशगूल थे। इनमें शामिल भूपाल नगलिया गांव की गायत्री देवी योगी सरकार का बखान कर रही थीं। उनका कहना था कि सरकार ने लाकडाउन में गरीबों तक राशन पहुंचाने के साथ उनकी मदद देने का काम किया। क्षेत्र में तमाम नई सड़कें बन गई हैं तो कई पुल भी बने हैं। जिन गांवों में पैदल तक चलना मुश्किल होता था वहां सीमेंट वाली सड़क बन गई हैं। उन्हें दौरऊ गांव के सुबराती खां ने रोकने की कोशिश की लेकिन वे शांत नहीं हुईं। बोलींं, इस बार भी योगी की सरकार बनेगी। सुबराती खां इससे सहमत नहीं थे। उनका दावा था कि सरकार अखिलेश यादव की बनेगी। इस पर काफी देर तक गहमा-गहमी बनी रही। तभी सभी को शांत करते हुए चौ. रविंद्र पाल सिंह बोले, सरकार वही अच्छी है जो जनता की कसौटी पर खरा उतरेे।

हर जगह चुनावी चर्चा

गांव सोमना में किसान सत्यवीर सिंह भी खेतों में निराश्रित गोवंश के चलते होने वाले नुकसान से काफी व्यवथित नजर आए। बोले, सरकार ने गांव-गांव गोशाला खोलींं उनके लिए तमाम व्यवस्थाएं भी करने की कोशिश की, लेेकिन ये सारी व्यवस्थाएं सुचारू नहीं चल सकीं। गभाना के मुख्य चौराहे पर ओमवीर हलवाई की दुकान व भोले स्वीट्स पर चुनावी चकल्लस जारी थी। सबके अपने दावे थे और सब अपने दावों को मजबूत करने के लिए अतीत के आकड़ों को सामने रख रहे थे। नाई भोला के यहां भी बैठे ग्राहकों में बस चुनाव को लेकर ही चर्चा थी। चाय दुकानदार अनिल, रामरूवरूप के यहां भी चाय की चुस्कियों के साथ बरौली विधान सभा से लेकर प्रदेश व देश की राजनीति पर गहमा-गहमी थी। यहां रूस्तमपुर ढोला के संजीव कुमार का कहना था कि इस बार क्षेत्र के विकास के लिए सभी को सोचना चाहिए।


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