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यूपी विधानसभा चुनाव 2022: ऐसा करने पर प्रत्याशी पर लगेगा तीन साल का प्रतिबंध, जानें विस्‍तार से

अपर जिलाधिकारी वित विधान जायसवाल ने कहा कि निर्वाचन में व्यय एक महत्वपूर्ण पहलू है। आयोग द्वारा निर्वाचन में व्यय निर्धारित किया गया है। सभी प्रत्याशी व्यय एजेंट बना लें ताकि प्रत्याशी की व्यस्तता में कार्य प्रभावित न हो।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 05:37 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 05:37 PM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव 2022: ऐसा करने पर प्रत्याशी पर लगेगा तीन साल का प्रतिबंध, जानें विस्‍तार से
प्रेक्षकगण ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि चुनाव में खर्च कराया जाना सुनिश्चित करें।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। भारत निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरूप चुनाव लड़ने वाले सभी अभ्यर्थियों के खर्चों का व्यय रजिस्टर में मानकों के अनुरूप अंकन कराने के लिए व्यय प्रेक्षक भेरा राम एवं आर. श्री बालाजी ने कलक्ट्रेट सभागार में व्यय टीम के अधिकारियों व प्रत्याशियों एवं उनके अभिकर्ताओं के साथ बैठक का आयोजन किया गया। प्रेक्षकगण ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 में चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों से आयोग द्वारा निर्धारित की गई सीमा के तहत ही चुनाव में खर्च कराया जाना सुनिश्चित करें। चुनाव लड़ने वाले सभी अभ्यर्थियों के चुनावी खर्च पर पैनी नजर रखते हुए उनके सभी खर्च निर्धारित रजिस्टर में दर्ज कराने की कार्यवाही सुनिश्चित कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि अभ्यर्थियों द्वारा जो चुनाव संबंधी कार्यक्रम किए जाएं सभी संबंधित टीम मौके पर पहुंचकर निर्धारित दरों के तहत उनके खर्चों को व्यय रजिस्टर में दर्ज कराने की कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।

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धनराशि खाते में जुड़ेगी

अपर जिलाधिकारी वित विधान जायसवाल ने कहा कि निर्वाचन में व्यय एक महत्वपूर्ण पहलू है। आयोग द्वारा निर्वाचन में व्यय निर्धारित किया गया है। सभी प्रत्याशी व्यय एजेंट बना लें ताकि प्रत्याशी की व्यस्तता में कार्य प्रभावित न हो। उन्होंने बताया कि 10 हजार रूपये से अधिक का खर्च चैक या डिजिटल माध्यम से करना होगा। 10 हजार रूपये से कम का व्यय नगद भुगतान के माध्यम से कर सकते हैं। उन्होंने प्रत्याशियों को सचेत किया कि नियम कानून के साथ चुनावी मैदान में उतरें अन्यथा की दशा में समस्याएं आ सकती है। चन्दा की धनराशि खाते में जोड़ी जाएगी।

वरिष्ठ कोषाधिकारी महिमा चन्द ने कहा कि यदि प्रत्याशी चोरी-छिपे खर्च करते हैं, तब भी वह हमारी निगाह से नहीं बच सकते, व्यय अनुवीक्षण टीम तैनात हैं जोकि आपके चुनावी खर्च पर पैनी नजर रख रही हैं, उनके संज्ञान में आने पर वह खर्च प्रत्याशियों के खाते में जोड़ दिया जाएगा। यदि खर्चा 40 लाख रूपये से ऊपर चला जाता है तो आगे के लिए चुनाव में 3 साल के लिए प्रतिबन्धित किये जाने का प्राविधान है। उन्होंने कहा कि यदि कोई वाहन बिना अनुमति के प्रचार करता पकड़ा जाएगा तो खर्चा नामांकन की तिथि से जोड़ा जाएगा। चुनाव आयोग की मंशा है कि सम्पूर्ण चुनाव निष्पक्ष हो और किसी भी मतदाता को प्रलोभित न किया जाए।


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