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UP Assembly Elections 2022: जिले की तीन सीटों पर रालोद की नजर, ये है रणनीति

विधानसभा चुनाव की घोषणा भले ही अभी नहीं हुई लेकिन इसके लिए जोड़तोड़ की राजनीति तेज हो गई है। जिले की सात सीटों पर जहां भाजपा दोबारा कब्जा करने के फेर में है वहीं अन्य दल इसे हासिल करने की तैयारी में लगे हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 08:28 AM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 08:28 AM (IST)
UP Assembly Elections 2022: जिले की तीन सीटों पर रालोद की नजर, ये है रणनीति
रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्षों के साथ 25 नवंबर को बैठक करेंगे।

अलीगढ़, मनोज जादोन। विधानसभा चुनाव की घोषणा भले ही अभी नहीं हुई, लेकिन इसके लिए जोड़तोड़ की राजनीति तेज हो गई है। जिले की सात सीटों पर जहां भाजपा दोबारा कब्जा करने के फेर में है, वहीं अन्य दल इसे हासिल करने की तैयारी में लगे हैं। समाजवादी पार्टी और रालोद में सीटों पर सहमति होने से अन्य दलों के समीकरण गड़बड़ाने लगे हैं। हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ कि जिले की कौन -कौन सी सीट से सपा और रालोद के प्रत्याशी होंगे, लेकिन रालोद के स्थानीय नेताओं की नजर जाट बाहुल्य क्षेत्र की तीन सीटों पर है। इसके लिए संगठन के पदाधिकारी जल्द प्रदेश अध्यक्ष के सामने प्रस्ताव रखेंगे।

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25 को जयंत करेंगे बैठक

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्षों के साथ 25 नवंबर को बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में ही अलीगढ़ की सीटों का चयन हो सकता है। चुनाव तैयारी में कई महीनों से जुटे जिलाध्यक्ष चौ. कालीचरन शुरू से ही इगलास, खैर व बरौली विधानसभा क्षेत्र में रालोद प्रत्याशी की बात कहते आए हैं। इस मजबूत दावेदारी के पीछे जाट बैल्ट होना ही है। इस क्षेत्र से पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह और उनके परिवार का लंबे समय से जुड़ाव है। किसी समय जाट बाहुल्य क्षेत्र में शामिल जिले के खैर व इगलास विधानसभा क्षेत्र पर इस परिवार का दबदबा रहा है। चौ. चरण सिंह, उनकी पत्नी गायत्री देवी, बेटी डा. ज्ञानवती इस क्षेत्र से विधायक रही हैं। चौ. चरण सिंह परिवार के नेतृत्व की पार्टी के 13 प्रत्याशी जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्रों से विधायक रह चुके हैं। हालांकि, गठबंधन पहली बार नहीं हुआ है। 2017 में सपा और रालोद ने गठबंधन से चुनाव लड़ा था। लेकिन, गठबंधन को जिले के किसी विधानसभा क्षेत्र में सफलता नहीं मिली थी।

सफलता पर नजर

खैर

1985 में लोकदल से चौ. जगवीर सिंह

2007 में रालोद से चौ. सत्यपाल सिंह

2012 में रालोद से भगवती प्रसाद सूर्यवंशी

बरौली

1969 में भारतीय क्रांति दल से महावीर सिंह

2012 में रालोद से ठा. दलवीर सिंह

छर्रा

1974 में भारतीय क्रांति दल से बाबू सिंह

इगलास

1969 में बीकेडी से गायत्री देवी

1974 में बीकेडी से चौ. राजेंद्र सिंह

1985 में लोकदल से चौ. राजेंद्र सिंह

1991 में लोकदल से डॉ. ज्ञानवती

2007 में रालोद से चौ. विमलेश सिंह

2012 में रालोद से त्रिलोकीराम दिवाकर

कोल सीट

1969 में बीकेडी से पूरन चंद्र


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