यूपी विधानसभा चुनाव 2022: आंतरिक विरोध रोकने में जुटे भाजपा, रालोद व बसपा के महारथी, बनाई ये खास रणनीति
इगलास विधानसभा क्षेत्र (सुरक्षित) से भाजपा ने विधायक राजकुमार सहयोगी बसपा ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुशील कुमार जाटव व रालोद ने गोंड की पूर्व ब्लाक प्रमुख सीमा दिवाकर के पति बीरपाल दिवाकर को अपना प्रत्याशी बनाया है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। खैर-इगलास विधानसभा क्षेत्र से मुख्य तीन दल भाजपा, रालोद व बसपा की तस्वीर साफ हो गई है। भाजपा ने अपने मौजूदा विधायकों पर दांव चला है, वहीं रालोद ने अपने भरोसे मंद पूर्व विधायक और पूर्व ब्लाक प्रमुख के पति व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रदेश महासचिव को प्रत्याशी घोषित किया है। दावेदाराें के समर्थकों का आंतरिक विरोध रोकने के लिए इन दलों ने किले बंदी की है। शीर्ष नेतृत्व के दिशा- निर्देशों पर जुझारू मठाधीशों को लगाया गया है।
गतिविधियों पर पैनी नजर
इगलास विधानसभा क्षेत्र (सुरक्षित) से भाजपा ने विधायक राजकुमार सहयोगी, बसपा ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुशील कुमार जाटव व रालोद ने गोंड की पूर्व ब्लाक प्रमुख सीमा दिवाकर के पति बीरपाल दिवाकर को अपना प्रत्याशी बनाया है। रालोद में 25 से अधिक टिकट के दावेदार थे। जिलाध्यक्ष चौ. कालीचरन सिंह व पूर्व जिलाध्यक्ष रामबहादुर चौधरी दावेदारों की हर गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
खैर में अनूप बने प्रत्याशी
खैर विधानसभा क्षेत्र के लिए भाजपा ने अपने विधायक अनूप वाल्मीकि को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने रीयल एस्टेट कारोबारी प्रेमपाल सिंह जाटव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। रालोद ने पूर्व विधायक भगवती प्रसाद सूर्यवंशी पर दांव खेला है। इन तीनों मुख्य दलों में कई दावेदार थे। भाजपा हाईकमान ने शनिवार को अपना पत्ता खोला। जबकि रालोद ने भगवती प्रसाद सूर्यवंशी को दो दिन पहले ही अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। रालोद में भी इस सीट के लिए कई दावेदारों की कतार थी।
रालोद जिलाध्यक्ष चौ. कालीचरन सिंह का कहना है कि सपा-रालोद गठबंधन धमाकेदार जीत दर्ज करेगा। रालोद में किसी प्रकार का आंतररिक द्वंद नहीं है। सभी ने शीर्ष नेतृत्व के निर्णय को सिरमौर माना है। हमारे हिस्से में तीन विधासभा क्षेत्र आए हैं। तीनों सीटों के प्रत्याशी घोषित करने के बाद बी बी फार्म दे दिए गए हैं। किसी प्रकार का आंतरिक विरोध नहीं है। बसपा जिलाध्यक्ष रतनदीप सिंह का कहना है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सभी कार्यकर्ताओं ने सिरमौर माना है। किसी की काई शिकायत नहीं। पूर्व विधायक प्रमोद गौड के पार्टी छोड़ना उनका अपना विवेक है।
Edited By Sandeep Kumar Saxena