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यूपी विधानसभा चुनाव 2022: भाजपा रैलियों की भरमार, विपक्ष ने बनाई घेरने की रणनीति

भाजपा की लगातार रैलियां होने पर विपक्ष हमलावर हो गया। सपा बसपा और रालोद के नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया है कि इतनी बड़ी रैलियों से कोरोना नहीं फैल रहा है जबकि अन्य कार्यक्रमों पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 02 Jan 2022 09:50 AM (IST)Updated: Sun, 02 Jan 2022 09:50 AM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव 2022: भाजपा रैलियों की भरमार, विपक्ष ने बनाई घेरने की रणनीति
भाजपा की लगातार रैलियां होने पर विपक्ष हमलावर हो गया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। भाजपा की लगातार रैलियां होने पर विपक्ष हमलावर हो गया। सपा, बसपा और रालोद के नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया है कि इतनी बड़ी रैलियों से कोरोना नहीं फैल रहा है, जबकि अन्य कार्यक्रमों पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं। इससे विपक्ष भाजपा को घेरने की तैयारी में है।

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भाजपा ने की ताबड़तोड़ रैलियां 

भाजपा की ताबड़तोड़ रैलियां हो रही हैं। दिसंबर में विशाल जन विश्वास यात्रा निकाली गई। यात्रा के तहत तमाम स्थानों पर विशाल जनसभा आयोजित की गई, जिसमें हजारों की संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे। अब नौ जनवरी को लखनऊ में विशाल महाकुंभ है। इसमें अलीगढ़ से अकेले 10 हजार संख्या पहुंच रही है। इससे लखनऊ में लाखों की संख्या में कार्यकर्ताओं के पहुंचने की उम्मीद है। इसपर विपक्ष के नेताआें ने वार करना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष रत्नाकर पांडेय का कहना है कि सरकार ने नाइट कफ्र्यू लगा दिया है। 200 से अधिक की भीड़ एकत्र होने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसलिए रात के कार्यक्रम स्थगित हो रहे हैं। अलीगढ़ में नुमाइश चल रही है, जिसमें सुबह चार बजे तक लोग टहलते हैं, बड़ी संख्या में इससे दुकानदारों की जीविका जुड़ी हुई है। ऐसे में नाइट कफ्र्यू लगने से लोग दशहत में हैं। दुकानदारों का कहना है कि ग्राहक कम हो गए हैं। रात 11 बजे के बाद दुकानें बंद करनी पड़ती है। रत्नाकर पांडेय ने कहा कि एक ओर तो नाइट कफ्र्यू लगाकर लोगों को भीड़ करने से रोका जा रहा है दूसरी ओर भाजपा बड़ी बड़ी रैली कर रही है। इन रैलियों में हजारों की भीड़ उमड़ रही है। इससे जनता के अंदर नाराजगी है।

प्रदेश सरकार चल रही दोहरी रणनीति

सपा युवजन सभा के जिलाध्यक्ष रंजीत चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार दोहरी नीति चल रही है। यदि कोरोना का भय था तो सरकार ने क्यों रैलियों पर रोक नहीं लगाई। सरकार गरीबों की चिंता नहीं कर रही है। किसी तरह से पटरी पर स्थिति आई है, अब फिर कोरोना से लोगों की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी है। रंजीत ने कहा कि भाजपा को निर्णय सोच-समझकर करना चाहिए था। रालोद के राष्ट्रीय सचिव राहुल शर्मा ने कहा कि सरकार को किसान, मजदूर, गरीब, बेरोजगार की कोई चिंता नहीं है। इसलिए भाजपा उल्टे सीधे निर्णय ले रही है, रात में कफ्र्यू और दिन में बड़ी-बड़ी रैलियां हो रही हैं। ऐसे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, लोगों को भ्रमित नहीं करना चाहिए। राहुल शर्मा ने कहा कि कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं, लोगों में भय है। इसलिए सभी को सतर्कता रखने की जरूरत है। सरकार की कोई भी गाइड लाइन आए, मगर हमें एहतियात स्वयं करना चाहिए।


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