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केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक बोले, कुलपति के मार्गदर्शन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कर रहा तरक्की

एएमयू की ओर से गुरुवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर वर्चुअल राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने भी भाग लिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 01:55 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 01:55 AM (IST)
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक बोले, कुलपति के मार्गदर्शन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कर रहा तरक्की
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक बोले, कुलपति के मार्गदर्शन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कर रहा तरक्की

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : एएमयू की ओर से गुरुवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर वर्चुअल राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो. तारिक मंसूर के निर्देशन व मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है। देश-विदेश में विश्वविद्यालय की छवि को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जो प्रशंसनीय हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन भारत की शिक्षा पद्धति को बदल देगा। उन्होंने भौतिकी विभाग के प्रो. एम सज्जाद अतहर व प्रो. एसके सिंह की पुस्तक 'फिजिक्स ऑफ न्यूट्रिनो इंटरेक्शन'का विमोचन भी किया।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति इक्विटी, गुणवत्ता व पहुंच की अवधारणाओं पर आधारित है। नई नीति का उद्देश्य मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने के साथ भारत की विविध प्रकृति को क्षेत्रीय भाषा में संदर्भित करना है। कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने साहित्य के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए वात्सल्य लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजे जाने पर डॉ. निशंक को शुभकामनाएं दीं। कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का श्रेय शिक्षा मंत्री को जाता है। जिन्होंने इस पर आम सहमति से विभिन्न वर्गों व राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों को एक मंच पर लाने का काम किया है। यूजीसी और शिक्षा मंत्री ने देश में कोविड मामलों के बढ़ने के बावजूद छात्रों के अकादमिक वर्ष को बचाने में सफलता हासिल की है। शिक्षा मंत्री के व्यापक दृष्टिकोण के कारण ही देशभर के विश्वविद्यालय शैक्षणिक वर्ष पूरा करने के लिए आनलाइन कक्षाएं संचालित कर पाए हैं।

कुलपति ने डॉ. निशंक को बताया कि एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में भारत बायोटेक के कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। आशा है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण शुरू होने पर अकादमिक व आर्थिक गतिविधियों को तेजी से बहाल किया जा सकेगा। विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) अध्यक्ष प्रो. डीपी सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्कूली व उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर परिवर्तन कर सुधार लाने की क्षमता है। इस नीति से शिक्षा में न केवल संज्ञानात्मक क्षमताओं, साक्षरता व संख्यात्मक विशेषताओं का विकास होगा, बल्कि सामाजिक, नैतिक, भावनात्मक क्षमताओं व स्वभावों के विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा। प्रथम तकनीकी सत्र में विज्ञान संकाय के डीन प्रो. काजी मजहर अली ने नई शिक्षा नीति की आवश्यकता को समझाया। शिक्षा विभाग की अध्यक्ष प्रो. नसरीन ने प्राइमरी, मिडिल व सीनियर स्कूल से लेकर उच्च कक्षा तक शिक्षा व्यवस्था पर प्रस्तुति दी। प्रो. एम सज्जाद अतहर ने आभार जताया। रजिस्ट्रार डॉ. अब्दुल हमीद भी मौजूद रहे।


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