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दूसरे राज्यों से आए मजदूरों का श्रम विभाग में नहीं है पंजीकरण Aligarh news

अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979 के तहत निजी तौर पर श्रम विभाग में मजदूरों ने पंजीकरण नहीं कराया है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 10:46 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 04:21 PM (IST)
दूसरे राज्यों से आए मजदूरों का  श्रम विभाग में नहीं है पंजीकरण Aligarh news
दूसरे राज्यों से आए मजदूरों का श्रम विभाग में नहीं है पंजीकरण Aligarh news

अलीगढ़ जेएनएन : अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979 के तहत निजी तौर पर श्रम विभाग में मजदूरों ने पंजीकरण नहीं कराया है। अधिकांश भट्ठा, कोल्ड स्टोरेज पर काम करने वालों का विभाग के पास ब्योरा भी नहीं है। अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम के तहत दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिकों का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। जिले में छह श्रम प्रवर्तन अधिकारियों को यह जिम्मेदारी है कि उनके क्षेत्र में दूसरे राज्यों से काम करने वाला अगर मजदूर है, तो उसके पंजीकरण के लिए उसे सजग किया जाए। पंजीकरण के लाभ बताए जाएं। 

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अधिकांश मजदूर बिहार के

जिले में 400 भट्ठे हैं। अधिकांश पर दूसरे राज्य खास तौर पर विहार के मजदूर काम करते हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम के तहत कोई काम ही नहीं किया गया। विभाग के कर्मचारी सिर्फ लाइसेंस जारी करने तक सीमित रहे हैं। पांच से अधिक मजदूर काम करने पर लाइसेंस जारी करने तक औपचारिकताएं निभाई गईं। जीटी रोड का चौड़ीकरण का काम चल रहा है। धनीपुर हवाई पट्टी से लेकर एटा तक तमाम पुलियों का निर्माण हो रहा है। जहां विहार के साथ पश्चिम बंगाल तक की लेवर काम कर रही है। नियमानुसार ऐसे लेबर का ब्योरा श्रम विभाग के पास होना चाहिए। विभाग की लापरवाही के चलते निर्माण कार्य से जुड़े पंजीकरण श्रमिकों की 42 हजार की संख्या 21 हजार पर आकर अटक गई। श्रमिकों की जागरूकता के अभाव में लॉकडाउन से उभरने के लिए एक एक हजार रुपये की आर्थिक मदद नहीं हो सकी। सहायक उपश्रम आयुक्त बीएम शर्मा ने कहा कि हमारे यहां से पांच से अधिक मजदूर काम करने वालों को लाइसेंस जारी किया जाता है। यह प्रक्रिया लॉकडाउन से पहले तक जारी थी। 


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