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कुछ महीनों पहले ही जेल से छूटकर आए थे हथियार तस्करी में शामिल चाचा-भतीजे

दिल्ली पुलिस यहां मुकेश को पकड़ने के लिए आई थी। जब यहां आकर उसका फोन लगाया गया तो वह रवि निकला। जिसकी निशानदेही पर पुलिस यहां आई थी उसने भी रवि को पहचान लिया। लेकिन वह उसे मुकेश नाम से जानता था।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 06:13 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 06:30 AM (IST)
कुछ महीनों पहले ही जेल से छूटकर आए थे हथियार तस्करी में शामिल चाचा-भतीजे
हथियारों की तस्‍करी में शामिल चाचा भतीजा।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ के हत्थे चढ़ा अलीगढ़ का रवि व उसका चाचा मुकेश पहले भी विवादों में जेल जा चुके हैं। पिछले साल होली के दौरान दो पक्षों में झगड़े में भी दोनों शामिल थे। कुछ महीनों पहले ही जेल से छूटकर आए हैं। सट्टेबाजी में भी दोनों शामिल रहते थे। इसीलिए अक्सर छिटपुट झगड़े भी होते रहते हैं। हालांकि दोनों के हथियार तस्करी में शामिल होने की किसी को जानकारी नहीं थी। पुलिस अब मुकेश की तलाश में लगी है।

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भतीजा पकड़ा गया, चाचा फरार

बाहरी उत्तरी जिले के डीसीपी बृजेंद्र कुमार यादव ने बताया कि सासनीगेट थाना क्षेत्र के सराय मानसिंह स्थित माया चौक निवासी दुकान में छापा मार कर निर्मित व अर्द्ध निर्मित 19 अवैध कट्टे बरामद किए हैं। हथियार बनाने में प्रयुक्त सामान आदि भी मिले। मौके से पुलिस ने रवि को गिरफ्तार किया गया। जबकि उसका चाचा मुकेश भाग निकला। पूछताछ में सामने आया है कि चाचा-भतीजा कई साल से अवैध हथियार बना रहे थे और दिल्ली व आस पास के इलाकों में आपूर्ति करते थे। एक साल में करीब एक हजार कट्टे बनाए जाते थे। इधर, इलाके में मुकेश सट्टेबाजी के लिए भी जाना जाता है। रवि भी चाचा के साथ शामिल रहता था। मई 2021 में सराय मानसिंह में वाल्मीकि व कोरी समाज के लोगों में बड़ा विवाद हुआ था। इसमें पथराव और फायरिंग भी हुई। वीडियो वायरल हुआ था, जिस आधार पर आरोपित चिह्नित किए गए थे। इस विवाद में रवि और मुकेश दोनों जेल गए थे। पुलिस ने दोनों समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया था। करीब तीन माह पहले ही मुकेश जेल से जमानत पर छूटकर आया है। वहीं रवि करीब दो माह पहले जेल से छूटा है।

मुकेश के नाम से बात करता था रवि

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस यहां मुकेश को पकड़ने के लिए आई थी। जब यहां आकर उसका फोन लगाया गया तो वह रवि निकला। जिसकी निशानदेही पर पुलिस यहां आई थी, उसने भी रवि को पहचान लिया। लेकिन, वह उसे मुकेश नाम से जानता था। इससे स्पष्ट है कि मुकेश अपने नाम का इस्तेमाल करवाकर रवि से बात करवाता था।

दुकान में चलती थी भट्ठी

जिस दुकान से दिल्ली पुलिस ने हथियारों की खेप बरामद की है। वह फिलहाल बंद चल रही थी। सट्टे की लगातार सूचना पर पुलिस ने दोनों आरोपितों के जेल जाने से पहले दुकान को बंद करा दिया था। दुकान में भट्ठी चलती थी। पीतल पिघलाने का काम होता था।

एक ही घर में रहते हैं दोनों, मुकेश की सरगर्मी से तलाश

रवि पहले सराय मानसिंह में रहता था। उसने प्रेम विवाह किया, जिसके बाद कबीर नगर में रहने लगा। कबीर नगर स्थित घर में ऊपरी मंजिल पर ही मुकेश रहता है, जो फिलहाल फरार है। इस घर में इतनी जगह भी नहीं है कि फैक्ट्री चलाई जा सके। दिल्ली पुलिस की छापेमारी के बाद पुलिस की टीमें सरगर्मी से मुकेश की तलाश में जुट गई हैं।

शक्ति हत्याकांड में सट्टा बना था वजह

अक्टूबर 2020 में सासनीगेट क्षेत्र के सराय मिस्त्र में सट्टे के विवाद को लेकर वाल्मीकि व कोरी समाज के लोग भिड़ गए थे। इसमें फायरिग में एक युवक की जान चली गई थी। सूत्रों के मुताबिक, उस विवाद में भी दूसरे पक्ष से मुकेश शामिल था। हालांकि उस पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था।

मुकेश पर चार, रवि पर दो मुकदमे

आरोपित मुकेश पर कुल चार मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2015 व 2021 में अवैध हथियार को लेकर, 2015 में बवला व 2021 में जानलेवा हमले व सीएलए एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ था। इधर, रवि पर भी 2015 व 2021 में झगड़े, बलवे की धारा मुकदमा दर्ज है।


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