कंपनियों पर शिकंजा कर्मचारी बनाएंगे यूएएन, गिरफ्त में होंगी कंपनियां Aligarh news
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारियों को प्रॉविडेंट फंड का लाभ न देने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसने का इंतजाम कर दिया है।
अलीगढ़ [जेएनएन] : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारियों को प्रॉविडेंट फंड का लाभ न देने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसने का इंतजाम कर दिया है। संगठन ने कर्मचारियों को खुद अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएनए) बनाने का विकल्प दिया है। कोई भी कर्मचारी कंपनी को बिना बताए 12 अंकों का नंबर बना सकता है।
कंपनी कर्मचारियों को पीएफ का लाभ दे रही
नंबर को बनाते समय कंपनी का नाम दर्ज करते ही ईपीएफओ को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये पता चल जाएगा कि कंपनी संबंधित कर्मचारी को पीएफ का लाभ दे रही है, या नहीं।
ईपीएफओ के असिस्टेंट कमिश्नर प्रियांशु सिंह ने बताया कि यदि किसी कर्मचारी को पीएफ का लाभ नहीं मिलता है और वह अपना यूएएन नंबर बनाता है तो उसमें कंपनी का नाम दर्ज करते ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। इसके बाद ईपीएफओ कंपनी को संबंधित कर्मचारी को पीएफ का लाभ देने के लिए बाध्य करेगा। सिर्फ नौकरी करने वाला व्यक्ति ही इस नंबर के लिए आवेदन कर सकता है। फिर चाहे उसे पीएफ का लाभ मिल रहा है या नहीं।
वेबसाइट पर बनाएं यूएएन
यूएएन बनाने के लिए ईपीएफओ की वेबसाइट का भी प्रयोग कर सकते हैं। सीधे गूगल पर जाकर कुछ सामान्य सी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। इसके लिए जिला पंचायत भवन परिसर स्थित मंडलीय कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।
पकड़ में आएंगी अपंजीकृत कंपनियां
नई व्यवस्था से अपंजीकृत फर्म भी रडार पर होंगी। हो सकता है कि जो कर्मचारी अपना यूएएन बना रहा है, उसकी कंपनी का ईपीएफओ में पंजीकरण ही न हो। यदि उसके सभी कर्मचारी अपने अपने स्तर पर यूएएन दर्ज कराते हैं तो पता चल जाएगा कि उस प्रतिष्ठान में 20 व इससे अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। 20 कर्मचारियों का ब्योरा मिलते ही कंपनी ईपीएफओ के रडार पर होगी।
आधार से लिंक होगा यूएएन
यूएएन के लिए आधार नंबर व उसके साथ लिंक मोबाइल नंबर व बैंक खाते की जरूरत पड़ेगी। इस तरह कोई भी कंपनी अपने कर्मचारी का एक से अधिक यूएएन भी नहीं बना पाएगी। ईपीएफओ की नई व्यवस्था में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को बदला भी जा सकेगा। सभी तरह के विकल्पों के लिए ईपीएफओ की साइट पर पर व्यवस्था दी गई है। ईपीएफओ असिस्टेंट कमिश्नर, प्रियांशु सिंह,ने बोला नई व्यवस्था से कर्मचारी हितों को बल मिलेगा। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया से कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी। वहीं अधिवक्ता आलोक वाष्र्णेय, ने कहा कर्मचारियों के हित के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। नई व्यवस्था से सेवा प्रदाता कंपनियों की मनमानी पर रोक लगेगी।