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दो हजार युवकों से नौकरी के नाम पर ठगी, तीन दबोचे, दूरदराज के लोगों को बनाते थे निशाना Aligarh News

एक साल में दो हजार से ज्यादा युवकों को ठगने वाले तीन शातिर क्वार्सी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। वह 40 हजार रुपये हर माह देकर नामचीन कंपनी से लोगों का डाटा चुराते थे।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 05:50 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 07:46 AM (IST)
दो हजार युवकों से नौकरी के नाम पर ठगी, तीन दबोचे, दूरदराज के लोगों को बनाते थे निशाना Aligarh News
दो हजार युवकों से नौकरी के नाम पर ठगी, तीन दबोचे, दूरदराज के लोगों को बनाते थे निशाना Aligarh News

अलीगढ़ (जेएनएन)। नौकरी दिलाने का लालच देकर एक साल में दो हजार से ज्यादा युवकों को ठगने वाले तीन शातिर क्वार्सी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। वह 40 हजार रुपये हर माह देकर नामचीन कंपनी से लोगों का डाटा चुराते थे। महाराष्ट्र, गुजरात व दूरदराज के लोगों को निशाना बनाकर प्रति व्यक्ति दो से आठ हजार रुपये तक ऐंठ लेते थे। यहां शमशाद मार्केट में ऑफिस खोल रखा था। पुलिस ने सात मोबाइल, 17 सिम कार्ड व चोरी की बाइक व स्कूटी भी बरामद की हैं।

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ऐसे पकड़े गए बदमाश

एसपी क्राइम डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि सुबह जनकपुरी पानी की टंकी के पास क्वार्सी इंस्पेक्टर विनोद कुमार टीम के साथ चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान बाइक व स्कूटी पर जा रहे तीन युवकों को संदिग्ध लगने पर रोका गया। इनमें कमरुद्दीन उर्फ जैद निवासी शहंशाहबाद नगला पटवारी बाइक चला रहा था। वहीं, स्कूटी पर राजा व मोनू निवासी मौलाना आजाद नगर सवार थे। कमरुद्दीन के कंधे पर बैग था।

यह सामान हुआ बरामद

 इसकी तलाशी ली गई तो उसमें सात मोबाइल फोन, 17 सिम कार्ड, दो मोहरें, 26 आधार कार्ड की कॉपी, 18 रेपर, डायरी, तमंचा व कारतूस मिले। पूछताछ में पता चला कि नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़े में इनका इस्तेमाल किया जाता था। दोनों वाहन भी चोरी के हैं। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

बीएससी का छात्र है सरगना, सॉफ्टवेयर कंपनी में कर चुका है ट्रेनिंग

गिरोह का सरगना कमरुद्दीन लखनऊ मदरसा बोर्ड के सेंटर से बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र है। दो साल पहले दिल्ली की सॉफ्टवेयर कंपनी में ट्रेनिंग कर चुका है। बाकी दोनों आरोपित ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। कमरुद्दीन ने लोगों को ठगने की योजना बनाई। एक साल पहले शमशाद मार्केट में डायरल टेक्नोलॉजी के नाम से ऑफिस खोला।

नामचीन कंपनी के कर्मचारी से सांठगांठ

कमरुद्दीन ने पूछताछ में बताया कि लोगों को नौकरियों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराने वाली एक नामचीन कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट के कर्मचारी गौरव से सांठगांठ कर रखी थी, जो 40 हजार रुपये लेकर हर माह लोगों का डाटा उपलब्ध कराता था। इसके लिए एक यूजर आइडी भी बना ली गई। इनमें से नोएडा-एनसीआर के लोगों को छोड़कर महाराष्ट्र, गुजरात व दूरदराज के युवाओं को चुन लेते थे, ताकि वे आसानी से यहां न आ सकें। इन्हें फोन करके नौकरी का लालच दिया जाता था। इसके बाद ऑफर लेटर भेजने के लिए दो से 10 हजार रुपये ऑनलाइन वसूल लेते थे।

500 से एक हजार में लेते थे सिम

शातिर दिल्ली के रहने वाले फरहान से 500 से एक हजार रुपये में सिम खरीदते थे। कमरुद्दीन ने बताया कि अब तक 150 से ज्यादा सिम खरीदकर इस्तेमाल कर चुका हैं। अमरुद्दीन के फोन की जांच करने पर पता चला कि अहमदनगर (महाराष्ट्र) के एक व्यक्ति लगातार संपर्क में है। उससे अमरुद्दीन की चैटिंग होती है।

कुछ की रकम कर देते थे वापस

अगर कोई व्यक्ति नौकरी दिलाने की जिद पर अड़ जाता था तो शातिर उनके रुपये वापस कर देते थे। कमरुद्दीन ने बताया कि अब तक दो हजार से ज्यादा लोगों को ठग चुका है।

70 लाख रुपये का लेन-देन

पुलिस ने जब कमरुद्दीन के बैंक खाते खंगाले तो पता चला कि एक साल के अंदर 70 लाख रुपये का लेनदेन किया गया है। इनमें कई बार पैसे निकाले और जमा कराए गए।

बीते माह चुराई थी बाइक

आरोपितों ने बताया कि बाइक 22 अगस्त को स्वर्ण जयंती नगर से चुराई थी, जबकि स्कूटी को 15 फरवरी को रामघाट रोड स्थित माहेश्वरी कांप्लेक्स एचडीएफसी बैंक के पास से चुराया था। दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज है।

दिल्ली व महाराष्ट्र के लोग भी शामिल

सीओ समानिया ने बताया कि मामले में दिल्ली व महाराष्ट्र के युवकों के नाम भी सामने आ रहे हैं। इनका पता लगाने के लिए दिल्ली, मुंबई व थाणे पुलिस से संपर्क किया जा रहा है। क्राइम ब्रांच व साइबर सेल की मदद भी ली जा रही है।


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