अलीगढ़ में युवक की हत्या में दो लोगों को उम्रकैद
जवां क्षेत्र के गांव सुमेरा का मामला एडीजे 15 की कोर्ट ने सुनाया फैसला।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : एडीजे-15 विजय कुमार वर्मा प्रथम की कोर्ट ने जवां के गांव सुमेरा में पांच साल पहले हुई युवक की हत्या में दो लोगों की उम्रकैद की सजा सुनाई है।
एडीजीसी केएम जौहरी के मुताबिक, सुमेरा निवासी इदरीश अहमद ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके तहत 15 मई 2015 को रात करीब नौ बजे इदरीश अहमद का भाई मुजम्मिल खाना खाकर घर से नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में जा रहा था। रास्ते में रंजिश के चलते गांव के ही अबरार व मुईनउद्दीन के तमंचे से गोली मार दी। आरोप है कि हत्या की योजना अबरार के पिता अकील ने अपने घर में युसूफ व इकबाल को बुलाकर बनाई थी। मुजम्मिल को मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां मौत हो गई। पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके चार्जशीट दायर की थी। सोमवार को कोर्ट ने अबरार व मुईनुद्दीन को सजा सुनाई। दोनों पर जुर्माना लगाया है। जुर्माने में से 35 हजार रुपये मुजम्मिल के आश्रितों को देने के आदेश दिए। अकील, युसूफ व इकबाल को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।
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हत्या में दोषी भाई को सजा
जासं, अलीगढ़ : एडीजे 12 अभिनितम उपाध्याय की कोर्ट ने हत्या के आरोपित छोटे भाई को सात साल तीन माह की सजा सुनाई है। एडीजीसी प्रमेंद्र जैन के मुताबिक, 10 अक्टूबर 2013 को अकराबाद के गांव शाहगढ़ निवासी ज्ञान सिंह अपने घर के बरामदे में पत्नी व बच्चों के साथ सो रहा था। पास ही चारपाई पर मिट्टी के तेल की डिब्बी जल रही थी। अंदर कमरे में ज्ञान का छोटा भाई जगदीश व उसकी पत्नी सो रहे थे। आरोप है कि रात में जगदीश ने पहले अपनी पत्नी को कमरे में बंद किया, फिर ज्ञान के मुंह पर वसूली से प्रहार किया। शोर सुनकर आसपास के लोग इकट्ठे हुए तो जगदीश ने जलती डिब्बी ज्ञान के ऊपर फेंक दी। ज्ञान बुरी तरह झुलस गया। 17 अक्टूबर को मौत हो गई। पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट दाखिल की। सोमवार को कोर्ट ने जगदीश को सजा सुनाई।