बाइक व कार की नंबर प्लेट पर दौड़ा रहे ट्रक, वाहनों के डाटा में मिली गड़बड़ी Aligarh news
ओवरलोड वाहनों खासकर ट्रकों को कार व बाइक की नंबर प्लेट लगाकर दौड़ाया जा रहा है। पिछले दिनों जिले के टोल प्लाजा से गुजरने वाले ओवरलोड वाहनों की जानकारी मांगने के बाद हुआ खुलासा
अलीगढ़, जेएनएन। हाईवे पर टोल के रास्ते गुजरने वाले ओवरलोड वाहनों खासकर ट्रकों को कार व बाइक की नंबर प्लेट लगाकर दौड़ाया जा रहा है। इसका खुलासा पिछले दिनों जिले के टोल प्लाजा से गुजरने वाले ओवरलोड वाहनों की जानकारी मांगने के बाद हुआ है। इस जानकारी से विभागीय अधिकारियों के होश उड़ गए हैं और उन्होंने ऐसे ओवरलोड वाहनों को चिह्नित करने के साथ ही उनकी धरपकड़ का अभियान शुरू कर दिया है। एआरटीओ प्रवर्तन अमिताभ चतुर्वेदी ने बताया कि शासन स्तर से पिछले दिनों प्रदेश के सभी जिलों के साथ ही अलीगढ़ क्षेत्र में पडऩे वाले गभाना व मडराक टोल प्लाजा से ओवरलोड वाहनों की जानकारी मांगी गई थी। इसमें कई वाहनों के डाटा में गड़बड़ी मिली है। सबसे चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी है कि ओवरलोड ट्रकों पर कार व बाइक की नंबर प्लेट लगाकर दौड़ाया जा रहा है। कई ट्रकों की नंबर प्लेट को भी खरोंच दिया गया है, जिसके कारण उक्त वाहनों का चालान भी बना पाना मुश्किल हो रहा है। एआरटीओ ने बताया कि सरकार ने निर्देशित किया है कि वाहन स्वामियों को अब अपने निजी या व्यावसायिक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना जरूरी होगा।
दुर्घटना में जब्त बाइक थाने से हो गई चोरी
हरदुआगंज थाना क्षेत्र में वाहन चोर इतने सक्रिय हैं कि अब थानों का चक्रव्यूह भी तोड़ दिया है। अतरौली क्षेत्र के गांव मेंमड़ी निवासी विजेंद्र सिंह ने बताया कि 17 जून को अतरौली से अलीगढ़ जाने के दौरान बैरामगढ़ी बंबा पर हादसा हुआ था। उनकी बाइक की चपेट में आकर हरदुआगंज निवासी वृद्ध रमेश सिंह के पैर में चोट लग गई थी। पुलिस ने (यूपी-81 एआर-9566) नंबर की पैशन प्रो बाइक कब्जे में लेते हुए रमेश सिंह के पुत्र सतेंद्र कुमार की ओर मुकदमा दर्ज करा दिया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद सतेंद्र व विजेंद्र के बीच इलाज कराने की शर्त पर फैसला हो गया। बकौल विजेंद्र, फैसले की कॉपी व शपथ पत्र डाक द्वारा थाने भेजने के बाद विवेचक ने फैसला न मानते हुए चार्जशीट भेजने की बात कही। पांच अगस्त को बाइक का तकनीकी मुआयना करा लिया। इधर, केस की प्रगति जानने के लिए जब विजेंद्र 16 अगस्त को थाने पहुंचे तो बाइक अपनी जगह पर खड़ी नहीं मिली। आइओ से पूछने पर हेड मुंशी ने थाने का चप्पा-चप्पा छान डाला। मगर, बाइक नहीं मिली तो चार दिन में तलाश देने का आश्वासन देकर विजेंद्र को भेज दिया गया। एक सप्ताह बीतने पर बाइक नहीं मिल सकी। पुलिस टरका रही है। इसे लेकर विजेंद्र ने अब एसएसपी से शिकायत की है। एसएसपी ने सीओ अतरौली को जांच के निर्देश दिए हैं।