भुगतान में देरी पर इलाज रोका, भुगतान होते ही इलाज Aligarh News
सरकार ही नहीं सुप्रीम कोर्ट भी कई बार कह चुकी है कि पैसे के अभाव में किसी मरीज का इलाज बीच में बंद नहीं किया जा सकता फिर भी निजी हाॅस्पिटल से ऐसी शिकायतें आए दिन आ रही हैं।
अलीगढ़ जेेेेएनएन : सरकार ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट भी कई बार कह चुकी है कि पैसे के अभाव में किसी मरीज का इलाज बीच में बंद नहीं किया जा सकता, फिर भी निजी हाॅस्पिटल से ऐसी शिकायतें आए दिन आ रही हैं। अब रामघाट रोड स्थित मिथराज हाॅस्पिटल में 10 हजार रुपये बकाए के लिए इलाज रोकने तथा भुगतान होते ही रात में ही मरीज को डिस्चार्ज करने की शिकायत कलक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम पर हुई। सीएमअो ने तत्काल अधिकारियों को भेजकर मरीज का इलाज शुरू कराया।
ये है मामला
शिवपुरी निवासी 53 वर्षीय श्यामबाबू गुप्ता शुगर के मरीज हैं। पिछले दिनों उनकी ब्लड प्रेशर काफी बढ़ गया। उन्हें पहले सासनी गेट निजी हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया, वहां से मेडिकल काॅलेज रेेफर कर दिया। स्वजन इलाज से संतुष्ट नहीं हुए और मरीज को मिथराज ले आए। बेटे अंकित वार्ष्णेय ने बताया कि अायुष्मान कार्ड होने के बावजूद मुफ्त इलाज से इन्कार कर दिया गया। मजबूरन, उन्हें निजी खर्च पर भर्ती करा दिया। कई दिनों से उनका इलाज चल रहा था। करीब 300 हजार रुपये का भुगतान हो चुका था। करीब 10 हजार रुपये का और भुगतान होना था, जिसमें देरी होने पर मंगलवार दोपहर इलाज बंद कर दिया गया। शाम को किसी तरह पैसे की व्यवस्था कर अस्पताल को दिए। बुधवार को स्टाफ ने कहा कि मरीज ठीक है, इसे घर ले जाओ। जबकि, उनकी शुगर बहुत बड़ी हुई थी। फिर भी डाॅक्टर इलाज को तैयार नहीं हुए तो कंट्रोल रूम प्रभारी स्मृति गौतम से शिकायत की। थोड़ी देर बाद ही अधिकारी अस्पताल पहुंच गए और डाॅक्टर व अन्य स्टाफ को हड़काया। चेतावनी भी दी कि मरीज का इलाज करिए, यदि कुछ हो गया तो आप जिम्मेदार होंगे। इसके बाद स्टाफ ने फिर से मरीज की जांच शुरू की।
पैसे के लिए इलाज रोकने की बात गलत है। मरीज बिल्कुल स्वस्थ है, इसलिए उसे डिस्चार्ज कर रहे थे, मगर स्वजन रात में जाने को तैयार नहीं हुए। अब मरीज को सुबह डिस्चार्ज किया जाएगा।
- डाॅ. राजेंद्र वार्ष्णेय, एमडी मिथराज, हाॅस्पिटल।