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जन्म के बाद शुरू हो जाएगा टेढ़े पंजों का उपचार, अलीगढ़ के महिला अस्पताल में भी क्लब फुट का मुफ्त उपचार शुरू

जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैर (पंजे) वाले बच्चों का अब तुरंत ही उपचार मिलेगा। दरअसल राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत अब मोहनलाल गौतम राजकीय महिला चिकित्सालय में भी क्लब फुट नामक इस रोग का उपचार शुरू कर दिया गया है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 18 Dec 2021 09:08 AM (IST)Updated: Sat, 18 Dec 2021 09:20 AM (IST)
जन्म के बाद शुरू हो जाएगा टेढ़े पंजों का उपचार, अलीगढ़ के महिला अस्पताल में भी क्लब फुट का मुफ्त उपचार शुरू
जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैर (पंजे) वाले बच्चों का अब तुरंत ही उपचार मिलेगा।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैर (पंजे) वाले बच्चों का अब तुरंत ही उपचार मिलेगा। दरअसल, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत अब मोहनलाल गौतम राजकीय महिला चिकित्सालय में भी क्लब फुट नामक इस रोग का उपचार शुरू कर दिया गया है। अब तक 55 शिशुओं को चिह्नित कर उपचार दिया गया, जिनमें से छह ठीक हो चुके हैं ।

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उम्र के साथ बढ़ता है रोग

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आनंद उपाध्याय ने बताया कि कुछ बच्चों के पैरों के पंजे पैदाइशी टेढ़े होते हैं। उम्र बढऩे के साथ उनका रोग बढ़ता जाता है। ऐसे बच्चों का जन्म के बाद जितनी जल्दी हो सके उपचार शुरू कर देना चाहिए। तीन सप्ताह के भीतर यदि इलाज शुरू हो जाए तो अच्छा रहता है। इसे 'गोल्डन पीरियड' कहते हैं। क्योंकि, मां के गर्भ से हार्मोन शिशु के रक्त में जाता है और तीन सप्ताह तक रहता है। महिला अस्पताल में यह सुविधा शुरू करने का उद्देश्य यही है कि यहां पैदा हुआ कोई शिशु क्लब फुट से ग्रस्त पाया जाता है तो उसे तुरंत उपचार मिल जाएगा। ज्यादातर मामलों में जानकारी के अभाव में माता-पिता ऐसे बच्चों का इलाज समय से नहीं करा पाते। इससे बाद में बच्चा ठीक से चल नहीं पाता।

आसान है उपचार

डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीईआइसी) मैनेजर मुनाजिर हुसैन बताया कि जन्म के शुरुआती दस दिनों में प्लास्टर तो नहीं लगाया जाता। क्योंकि, शिशु की त्वचा प्लास्टर सहन करने के लिए अपरिपक्व होती है। छह से आठ बार प्लास्टर लगाने के बाद टेढ़े पंजे ठीक हो जाते हैं। प्रत्येक प्लास्टर दो से तीन सप्ताह तक रहना चाहिए। प्लास्टर लगाने के बाद टेढ़े पंजे सामान्य हो जाते हैं। जब बच्चा चलने लगता है तो उसे विशेष प्रकार के जूते पहना दिए जाते हैं। यह जूते चार से पांच वर्ष तक पहने जाते हैं। इससे बच्चों को इस समस्या से निजाद मिल जाती है।

ये भी मिल रही सुविधाएं

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और केंद्र सरकार ने देश के कम आय और निर्धन आमजन के जन्म से 18 वर्ष तक के जेएन मेडिकल कॉलेज में बीमार और कुपोषित बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हृदय रोग, कटे होंठ-तालू, टीबी, कुष्ठ रोग, जन्मजात बहरापन, मोतियाङ्क्षबद, टेढ़े-मेढ़े पैर, न्यूरल ट््यूब डिफेक्ट, विकास में रुकावट इत्यादि 47 प्रकार की बीमारियों से ग्रसित बच्चों की जांच व इलाज की फ्री व्यवस्था की है। क्लब फुट के उपचार की सुविधा जेएन मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल व दीनदयाल अस्पताल में पहले से उपलब्ध है।


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