जिंदगी को घूंट-घूंट पी रही मौत बनी जहरीली शराब Aligarh news
मौत बनी जहरीली शराब जिंदगी को घूंट-घूंट पी रही है। लोधा से शुरू हुआ मौत का सिलसिला अभी थमा नहीं है। गांव कस्बों के बाद अब शहर में इस मौत ने दस्तक दे दी है। जट्टारी में तो ये जहरीली शराब कोहराम मचाए है।
अलीगढ़, जेएनएन। मौत बनी जहरीली शराब जिंदगी को घूंट-घूंट पी रही है। लोधा से शुरू हुआ मौत का सिलसिला अभी थमा नहीं है। गांव, कस्बों के बाद अब शहर में इस मौत ने दस्तक दे दी है। जट्टारी में तो ये जहरीली शराब कोहराम मचाए है। पिछले दो दिन में यहां 15 लोगाें की माैत हो चुकी है। मरने वालों में अधिकतर परिवार के मुखिया थे। इनके जाने से परिवारों में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पूरे कस्बे में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। कोरोना काे भूल चुके ग्रामीण जहरीली शराब से हो रहीं मौतों से सहमे हुए हैं। श्मशान में कतार लगाकर जल रहीं चिताएं विचलित कर देती हैं।
सोमवार को जली एक साथ पांच चिताएं
साेमवार काे कस्बे के श्मशान में पांच लोगों के एक साथ चिताएं जलीं तो ग्रामीणों की आंखें भर आईं। बुजुर्ग कह रहे थे कि ऐसा मंजर जीवन मेें पहले कभी नहीं देखा। मृतकों में किसी का जवान बेटा था तो किसी का छोटा भाई, बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। ग्रामीणों ने कहा कि जीवन-मौत का फैसला कुदरत करती है। लेकिन मौत इस रूप में आएगी, ये किसी ने नहीं सोचा होगा। नई पीढ़ी को इससे सबक लेना चाहिए।
घरों में चीख-पुकार
मृतकों के घरों में चीख-पुकार मची हुई है। मृतक मुकेश चंद्र शर्मा की पत्नी कई बार अचेत हो गईं। पड़ोस की महिलाएं उन्हें संभाल रही थीं। मुकेश अकेले कमाने वाले थे। सब्जी की रेहड़ी लगाकर गुजारा चला रहे थे। परिवार में पत्नी के अलावा बेटी नंदिनी (12), बेटा तुषार (नौ) और राजू (सात) और पूर्वी (पांच) हैं। वहीं, मृतक यासीन की पत्नी साइना का रो रोकर बुरा हाल है। यासीन भी सब्जी के रेहड़ी लगाते थे। तीन साल पहले ही उनके 22 वर्षीय पुत्र सलमान की एक दुर्घटना में मौत हो गई थी। परिवार में पत्नी के अलावा बेटी मुस्कान (20), मंटिसा (18), महक (15), बेटा फरदीन (छह), रजाक (चार) हैं।