बेटियों को बचाने बेटियों की टोली करेगी गांवों का भ्रमण, जानिए मामला Aligarh news
बेटियों को बचाने का बीड़ा भी अब बेटियां ही अपने कंधों पर उठाएंगी। बेटियों की टोली अब गांवों का भ्रमण कर लोगों को पुरानी कुरीतियों के बारे में जागरूक करेंगी। खुद के व अन्य बेटियों के भविष्य पर अड़चन न आए इसलिए बेटियां भविष्य को सुरक्षित करने का बिगुल फूकेंगी।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । बेटियों को बचाने का बीड़ा भी अब खुद बेटियां ही अपने कंधों पर उठाएंगी। बेटियों की टोली अब गांवों का भ्रमण कर लोगों को पुरानी कुरीतियों के बारे में जागरूक करेंगी। खुद के व अन्य बेटियों के भविष्य पर कोई अड़चन न आए इसलिए बेटियां बचपन से ही अपने भविष्य को सुरक्षित करने का बिगुल फूकेंगी। बेटियों के संबंध में पुराने जमाने से कई कुरीतियां समाज में व्याप्त हैं। जिनका खामियाजा उनको किशोरावस्था या युवावस्था में भुगतना पड़ता है। हालांकि सरकार की ओर से ऐसी तमाम कुरीतियों पर अंकुश लगाने या इनको खत्म करने के कदम उठाए गए हैं लेकिन, पुरानी रूढ़वादिता को अपनाए बैठे लोग आज भी बेटियों के लिए समस्याएं खड़ी करने से बाज नहीं आते हैं।
बाल विवाह जैसी कुप्रथा अभी भी जिंदा है
ऐसी ही कुप्रथा समाज में बाल विवाह के रूप में अब भी समाज में कहीं न कहीं जीवंत है। अब इसको जड़ से खत्म करने के लिए बेटियां बचपन से ही कमर कस रही हैं। कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों की छात्राओं को बाल विवाह कुरीति पर जागरूक करने की योजना बनाई गई है। कोरोना काल मे 20 अक्टूबर 2020 को आनलाइन माध्यम से सरकारी स्कूलों की छात्राओं को जागरूक भी किया गया था। अब जब स्कूल खुल गए हैं तो फिर से इस दिशा में काम करने की योजना बनाई गई है। बीईओ व एआरपी को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वो छात्राओं को इस विषय पर शार्ट फिल्म दिखाएं व जागरूक करें। फिर छात्राएं अपने आस-पड़ोस व गांव में इस कुरीति के खिलाफ हमला बोलेंगी। वो युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में बताएंगी। अभी शुरुआती चरण में कक्षा आठ की छात्राओं को इसमें शामिल किया जा रहा है।
इनका कहना है
बीएसए सत्येंद्र कुमार ढाका ने बताया कि, विषय वस्तु पर आधारित पाठ्य सामग्री व फिल्म मिशन प्रेरणा की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इस लिंक को अभिभावकों, बच्चों के साथ साझा भी करना है। मिशन शक्ति के तहत हर दिन अलग-अलग विषय वस्तु पर बालिकाओं को जागरूक किया जाएगा।