Move to Jagran APP

Lockdown effect टिक-टॉक की रेटिंग जमीं पर, मित्रो के लिए बढ़ा हाथ Aligarh news

कोरोना वायरस संक्रमण के बाद दुनियाभर में चीनी उत्पाद नजर से उतर रहे हैैं। चीन की एप टिक-टॉक यूजर्स के निशाने पर है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 11:21 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 04:11 PM (IST)
Lockdown effect टिक-टॉक की रेटिंग जमीं पर, मित्रो के लिए बढ़ा हाथ Aligarh news
Lockdown effect टिक-टॉक की रेटिंग जमीं पर, मित्रो के लिए बढ़ा हाथ Aligarh news

पारुल रावत, अलीगढ़ : कोरोना वायरस संक्रमण के बाद दुनियाभर में चीनी उत्पाद नजर से उतर रहे हैैं। चीन की एप टिक-टॉक यूजर्स के निशाने पर है। यूजर्स ने पिछले कुछ ही दिनों में इसकी रेङ्क्षटग 4.7 स्टार से 2.9 स्टार पर पहुंचा दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट््िवटर पर यूजर्स ने यूट््यूब व टिक-टॉक में यूट््यूब को बेहतर साबित करने के लिए मीम्स की बौछार कर दी। दोनों प्लेटफॉर्म अलग तरीके के हैैं। स्वदेशी मित्रो एप की डाउनलोङ्क्षडग अचानक प्ले स्टोर से तेज हो गई है।

loksabha election banner

यूजर्स का गुस्‍सा फूटा

दुनिया में कोरोना वायरस पर चीन को कठघरे की कोशिशों और लॉकडाउन में कंटेंट की खराब क्वालिटी के बाद टिक-टॉक पर यूजर्स का गुस्सा खूब टूटा। यूजर्स ने गूगल प्ले स्टोर पर पिछले 15 दिन में ही खराब रिव्यू इतने ज्यादा दिए कि टिक-टॉक की रेटिंग एक बार तो 4.7 से धड़ाम होकर 1.7 हो गई, जिसे किसी एप के लिए खराब रेङ्क्षटग माना जाता है। इससे टिक-टॉक को बड़ा झटका लगा। बाद में इसे पसंद करने वालों ने पक्ष में रेङ्क्षटग की। पिछले चार दिन में यह कुछ बढ़ गई। रेङ्क्षटग देने वाले यूजर्स की संख्या भी बहुत ज्यादा रही है। कुल 24 मिलियन यूजर्स ने रेङ्क्षटग प्रक्रिया में भाग लिया है। बहुत बड़ी संख्या में तो यूजर्स ने सिर्फ एक रेटिंग दी है। यूट्््यूब और टिक टॉक में कौन बेहतर है, इसकी वर्चुअल वल्र्ड में फाइट अब भी जारी है। एक स्टार देने के साथ भारतीय यूजर्स तो इसे देश में बैन करने की मांग भी खूब कर रहे हैैं। भारतीय यूजर्स एप को अनइंस्टॉल भी कर रहे हैैं। 

अलीगढ़ के अनिमेष शर्मा कहते हैं कि उन्होंने अपने मोबाइल से टिक-टॉक को अनस्टॉल कर दिया है। रामबाग कॉलोनी निवासी दीपेश ने बताया कि उन्होंने टिकटॉक को खराब रेटिंग दी है। उसे अनइंस्टाल कर दिया है। यूजर्स मनोरंजन के लिए ही इस एप का इस्तेमाल ज्यादा करते हैैं। यूजर जितेंद्र के अनुसार पिछले दिनों टिक-टॉक पर गालियां और अभद्रता वाली वीडियो ज्यादा आईं। ऐसे में क्वालिटी गिरी है, वह अब अब इस एप को मोबाइल से हटा चुके हैैं।

भद्दे कमेंट आने पर हटाया अकाउंट

अलीगढ़ के डांसर मनोज राजपूत कहते हैैं कि टिक-टॉक पर उनके करीब चार हजार फॉलोअर्स थे। एप पर पिछले कुछ दिनों से बहुत भद्दे कमेंट आ रहे थे। यह खराब लगते थे। ऐसे में स्वदेशी मित्रो बनने के बाद टिकटॉक से अपना अकाउंट हटा लिया है।

 

मित्रों को ले रहे हाथोंहाथ

टिक-टॉक की रेङ्क्षटग गिरने के फायदा मित्रों को मिला है। लांङ्क्षचग के सिर्फ एक महीने में ही गूगल प्ले स्टोर में इसकी डाउनलोङ्क्षडग सर्वाधिक डाउनलोड होने वाली पांच एप्स में हो गई है। अभी हर दिन पांच लाख एप डाउनलोड हो रही हैैं। कुल डाउनलोड की संख्या 50 लाख हो गई है। रुड़की आइआइटी के एक पूर्व छात्र ने इस एप को लांच किया है। इसका नामकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्रों संबोधन से किया गया है।

...................

टिक-टॉक की पॉलिसी लाइक्स पर ज्यादा भुगतान की है। इससे कंटेंट की क्वालिटी गिरी है। कई मामलों में तो आपत्तिजनक सामग्री भी रही है। यूजर्स इसकी वजह से टिक-टॉक से बड़ी संख्या में दूर हुए हैैं। रेङ्क्षटग गिरी है।

रक्षित टंडन, साइबर एक्सपर्ट 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.