कालाबाजारी करने वालों पर कसा शिकंजा, खाद भरपूर है, अब किसान टेंशन न लें
एक ओर जिले में खाद की उपलब्धता को लेकर रोजाना कवायद हो रही है और डीएम खुद समीक्षा कर रहे हैं वहीं खाद की कालाबाजारी कर रहे दुकानदारों पर शिकंजा कसा जा रहा है। ऐसे दुकानदारों को चिन्हित कर कार्यवाही भी की जा रही है।
हाथरस, जागरण संवाददाता। एक ओर जिले में खाद की उपलब्धता को लेकर रोजाना कवायद हो रही है और डीएम खुद समीक्षा कर रहे हैं वहीं खाद की कालाबाजारी कर रहे दुकानदारों पर शिकंजा कसा जा रहा है। ऐसे दुकानदारों को चिन्हित कर कार्यवाही भी की जा रही है। दुकानों पर कृषि विभाग की टीमें छापेबाजी कर रही हैं। कालाबाजारी करने वालों को किसी भी हालत में छूट न देने के निर्देश डीएम ने कृषि विभाग के अधिकारियों को दिये हैं। यही कारण् है कि रोजाना कृषि विभाग की टीमें ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं। मगर फिर भी कुछ दुकानदार खाद की कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कृषि विभाग की मानें तो छह हजार एमटी खाद मौजूद है।
विभागीय अधिकारियों ने किया उर्वरक की दुकानों का निरीक्षण
जनपद में डीएपी खाद एवं उर्वरकों की काला बाजारी पर लगाम लगाने के दृष्टिगत जिलाधिकारी रमेश रंजन के कुशल मार्गदर्शन में संबंधित विभागीय अधिकारियों ने उर्वरक की दुकानों का औचक निरीक्षण किया गया।
जनपद में आज तक 26651 मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक की आपूूर्ति हो चुकी है तथा आज तक 24869 मीट्रिक टन खाद का वितरण हो चुका है। जनपद में 1782 मीट्रिक टन फास्फेटिक खाद की उपलब्धता है। जनपद में 21839 मीट्रिक टन यूरिया उर्वरक की आपूूर्ति हो चुकी है तथा आज तक 15786 मीट्रिक टन खाद का वितरण हो चुका है। जनपद में 6053 मीट्रिक टन यूरिया की उपलब्धता है। निजी क्षेत्र में 2650 मीट्रिक टन चांद छाप एवं यारा यूरिया खाद मंगलवार तक आपूर्ति होगी। इस प्रकार जनपद को 5300 मीट्रिक टन यूरिया शीघ्र ही प्राप्त हो जायेगी। जनपद के सभी राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर गेहूं का कुल 2469.00 क्विंटल बीज की आपूर्ति हो गयी है। गेहूं की प्रजाति एचडी 2967, डब्लूएच 1124, एचडी 3086, पीबीडब्लू 723 उन्नत 343, पीबीडब्लू 550 उपलब्ध हैं। गेहूं बीज की बिक्री दर 3915.00 रूपये प्रति कुन्तल है, गेहूं बीज पर अधिकतम 50 प्रतिशत अनुदान देय है, अनुदान डीबीटी के द्वारा कृषकों के खातों में भेजा जायेगा। कृषकों से अनुरोध है कि राजकीय कृषि बीज भण्डारों से गेंहूॅं का बीज प्राप्त करें।
31 दिसंबर तक करा सकते हैं फसलों का बीमा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी 2021-22 में कृषक भाई अपनी फसलों का बीमा 31 दिसंबर तक करा सकते हैं। गेहूं फसल हेतु रू.1115, जौ फसल के लिए रू.765, सरसों के लिए रू.1014, आलू के लिये रू. 7500 प्रति हेक्टेयर प्रीमियम की धनराशि सम्बन्धित बैंक के द्वारा कटौती की जायेगी। जो कृषक भाई फसल बीमा योजना का लाभ लेने के इच्छुक न हो, वे अपना सहमति पत्र सम्बन्धित बैंक में जाकर दे सकते हैं।