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State child protection home:अलीगढ़ की तीन बच्चियों की होगी काउंसिलिंग, जा सकती हैं कानपुर, जानिए बालिका गृह का सच

कानपुर के मसवानपुर स्थित बालिका गृह केंद्र अलीगढ़ से भेजी गईं छह किशोरियां सुरक्षित हैं। इनमें दो बच्चियां इसी महीने भेजी गई हैं। तीन किशोरियां अलीगढ़ चाइल्डलाइन में रह रही हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 10:44 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 02:44 PM (IST)
State child protection home:अलीगढ़ की तीन बच्चियों की होगी काउंसिलिंग, जा सकती हैं कानपुर, जानिए बालिका गृह का सच
State child protection home:अलीगढ़ की तीन बच्चियों की होगी काउंसिलिंग, जा सकती हैं कानपुर, जानिए बालिका गृह का सच

अलीगढ़ [जेएनएन]: कानपुर के मसवानपुर स्थित बालिका गृह केंद्र अलीगढ़ से भेजी गईं छह किशोरियां सुरक्षित हैं। इनमें दो बच्चियां इसी महीने भेजी गई हैं। तीन किशोरियां अलीगढ़ चाइल्डलाइन में रह रही हैं। इनकी काउंसिलिंग की जा रही है। काउंसिङ्क्षलग के बाद किशोरियों को घर भेजा जाएगा। जरूरत पडऩे पर कानपुर के गृह केंद्र में भेजा जा सकता है।

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यह है मामला

कानपुर के स्वरूप नगर स्थित राजकीय बाल संरक्षण गृह में 57 किशोरी कोरोना संक्रमित व सात के गर्भवती होने का मामला सामने आया है। इस बाल संरक्षण गृह में अलीगढ़ की कोई बच्ची नहीं है। गंभीर मामला होने के चलते अलीगढ़ बाल कल्याण समिति भी सकते में आ गई। मुख्य मजिस्ट्रेट व बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष नीरा वाष्र्णेय ने बताया कि अलीगढ़ में बच्चियों को पहले वन स्टॉप सेंटर में रखा जाता है। इसके बाद चाइल्डलाइन में रखते हैं। काउंसिलिंग के बाद 10 साल की कम उम्र की बच्चियों को आगरा, 10 से ऊपर की बच्चियों को कानपुर भेजा जाता है। दो साल पहले दो बच्चियों को कानपुर के राजकीय बालगृह में भेजा था, मगर वहां बिङ्क्षल्डग निर्माण व जगह की कमी होने के चलते बच्चियों को लेने से इन्कार कर दिया। तब से बच्चियों को मसवानपुर के बाल गृह में भेज रहे हैं। मसवानपुर का बालगृह सुरक्षित है। रोजाना वहां की अध्यक्ष से बात होती हैं। जो बच्ची अपने घर आना चाहती हैं, उन्हें बुला लिया जाता है।

मंगलवार को एक बच्ची से हुई बात

मसवानपुर में रह रही एक बच्ची अपने माता-पिता से बात करना चाहती थी, मगर माता-पिता इन्कार कर रहे थे। बच्ची जिद करने लगी तो नीरा वाष्र्णेय के जरिये उसके घर पर बात कराई गईं। अध्यक्ष के मुताबिक, हमारी प्राथमिकता होती है कि बच्चियां अपने घर लौट जाएं। इसलिए काउंसिङ्क्षलग की जाती है। समझाया जाता है। कुछ दिन चाइल्डलाइन में रखा जाता है। अधिकतर बच्चियां मान जाती हैं।

कानपुर में रह रही आठ बच्चियां

मसवानपुर बालिका गृह में कुल आठ बच्चियां रह रही हैं। अध्यक्ष कल्पना ने बताया कि इनमें दो बच्चियां कानपुर व छह अलीगढ़ की है। अलीगढ़ की बच्चियां दो साल से रह रही हैं। दो नौ-नौ महीने, जबकि शेष दो इसी महीने आई हैं। वे चार साल से बाल गृह चला रही हैं, मगर सरकार की ओर से मदद नहीं दी जा रही।


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