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नौकरी का झांसा देकर ठगने वाले तीन पकड़े, इंटरव्यू के नाम पर बैंक खातों में रकम कराते थे ट्रांसफर Aligarh news

सुरजीत कौर ने 18 अगस्त को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि नौकरी के नाम पर ऑनलाइन 23 हजार 300 रुपये की ठगी हुई है।

By Parul RawatEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 09:34 AM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 10:38 AM (IST)
नौकरी का झांसा देकर ठगने वाले तीन पकड़े, इंटरव्यू के नाम पर बैंक खातों में रकम कराते थे ट्रांसफर Aligarh news
नौकरी का झांसा देकर ठगने वाले तीन पकड़े, इंटरव्यू के नाम पर बैंक खातों में रकम कराते थे ट्रांसफर Aligarh news

अलीगढ़, जेएनएन।  क्वार्सी  पुलिस व साइबर सेल ने नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले  बड़े  गिरोह का पर्दाफाश किया है। शातिर नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे। युवाओं से रजिस्ट्रेशन, प्रोसेस फीस व इंटरव्यू के नाम पर रुपये बैंक में जमा करा लेते थे। इस गिरोह के तीन शातिर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

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एसपी सिटी अभिषेक कुमार ने बताया कि  क्वार्सी  क्षेत्र की सुरजीत कौर ने 18 अगस्त को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि नौकरी के नाम पर ऑनलाइन 23 हजार 300 रुपये की ठगी हुई है। जांच में नोएडा के सेक्टर-2 में संचालित सीएम प्राइम सॉल्यूशन कॉल सेंटर का नाम सामने आया। पुलिस ने अभिषेक चौहान निवासी भूतेश्वर कॉलोनी हाथरस, रंधीर यादव निवासी रोशनगंज,  सिंकदराराऊ  (हाथरस) व तेज प्रताप सिंह निवासी न्यूरिया, थाना  बीबर  (हमीरपुर) को गिरफ्तार कर लिया। इन्होंने पूछताछ में बताया कि ऐसे फर्जी कॉल सेंटर उनके कई साथी चला रहे हैं। रोजगार से  जुड़ी  वेबसाइट शाइन डॉट कॉम,  मॉनस्टर  डॉट कॉम, नौकरी डॉट कॉम आदि से डाटा लेते थे। फर्जी आइडी से कई सिम ले रखी थीं। इनसे युवक-युवतियों को कॉल करते थे।

लाइफटाइम आइडी भी दी,  टुकड़ों  में मांग रहे थे पैसे

शातिर ठग  टुकड़ों  में जरूरी बात बताकर रकम मांगते थे। पहले कंसल्टेंट बताकर कॉल करते थे। जैसे सुरजीत कौर से पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर 2500 रुपये मांगे। 22 जुलाई को सुरजीत ने पैसे जमा करने पर लाइफटाइम आइडी दे दी गई। 24 जुलाई को नए नंबर से कॉल आई। कहा कि  मैक्सफोर्ट   मल्टीस्पेशलिटी  अस्पताल में 29 जुलाई को आपका इंटरव्यू है। आप 4800 रुपये दे दो। इसे जमा करने के बाद 25 को फिर कॉल आई। इस बार खाता लिंक करने के नाम पर 7500 रुपये ले लिए। कुछ देर में  सेलरी  ज्यादा होने की बात कहकर 11,900 रुपये मांगे। लेकिन, सुरजीत को शक होने पर देने से  इन्कार  कर दिया। शातिर इसी तरह एक व्यक्ति 25 से 50 हजार तक बैंक खातों में रकम डलवाते थे। एक बैंक खाते में पिछले कुछ महीने में ही करीब चार लाख 20 हजार डलवाए गए। इसे खर्च कर चुके थे।

हरियाणा से पश्चिम बंगाल तक बिछा जाल

 शातिर लंबे समय से  सैकड़ों  युवाओं को शिकार बना चुके थे। यूपी के अलावा, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, हिमाचल, महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल तक जाल बिछा रखा था। शातिर जिन फर्जी अकाउंट में रकम डलवाते थे। उनकी भी जांच की जा रही है। आरोपितों के पास से पांच मोबाइल फोन, सिम कार्ड, छह सीपीयू, डेस्कटॉप, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, आधार कार्ड, एक लैपटाप, पेन कार्ड,  ड्राइविग  लाइसेंस, वोटर आइ कार्ड, हेडफोन,  वाइ   फाइ  डोंगल, राउटर, यूपीएस, कॉपी व डायरी मिली है।

पांच हजार का इनाम

एसएसपी  मुनिराज  ने फर्जी कॉल सेंटर गिरोह का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को पांच हजार के इनाम व प्रशस्ति पत्र की घोषणा की है। टीम में इंस्पेक्टर  क्वार्सी  छोटेलाल,  एसएसआइ  चंचल सिरोही, उप निरीक्षक अरविंद सिंह, साइबर सेल के आरक्षी सतीश चौधरी, धीरज त्यागी, मनदीप सिंह व सौरभ शामिल हैं।


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