यूपी बोर्ड परीक्षा में जन्मतिथि बदलकर पुन : परीक्षा दिलाने वालों पर होगा मुकदमा Aligarh News
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 अप्रैल से कराने की घोषणा की जा चुकी है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों के अग्रिम पंजीकरण आनलाइन माध्यम से बोर्ड को भेजे गए हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 अप्रैल से कराने की घोषणा की जा चुकी है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों के अग्रिम पंजीकरण आनलाइन माध्यम से बोर्ड को भेजे गए हैं। मगर इनमें हेरफेर कर व दस्तावेजों को बदलकर फर्जी परीक्षार्थियों काे परीक्षा दिलाने का काम भी जिले में किया जा रहा है। ऐसे प्रकरण शिक्षाधिकारियों के संज्ञान में आए हैं। हालांकि उन्होंने अभी ऐसे कारनामे करने की जुगत लगाने वालों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं। मगर चेतावनी जारी कर दी है। अगर परीक्षा में ऐसी कोई गतिविधि पाई गई तो संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
10 छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति
दरअसल, यूपी बोर्ड परीक्षा में सफलता प्रतिशत सुधारने के लिए जन्मतिथि बदलकर पुन:परीक्षा दिलाने का काम पूर्व में भी किया जाता रहा है। कुछ प्रकरण अफसरों के सामने भी आए, इन पर कार्रवाई भी की गई। मगर इस बार भी ऐसे कुछ कालेज संचालक इस खेल में लगे हुए हैं। इसकी गोपनीय सूचना अधिकारियों के पास पहुंची है। डीआइओएस कार्यालय में इस संबंध में शिकायतें पहुंचाई गई हैं। कालेज संचालक ऐसे छात्रों को परीक्षा दिलाने की फिराक में हैं जो नियमित तौर से पढ़ाई व कक्षाओं में शामिल नहीं होते हैं। केवल पास कराने के उद्देश्य से उनको प्रवेश देकर परीक्षा फार्म भरवा दिया जाता है। इस संबंध में अफसरों का कहना है कि अगर परीक्षा के दौरान किसी भी कक्ष या केंद्र पर अपात्र विद्यार्थी परीक्षा देते पकड़ा गया तो उसके कालेज संचालक के खिलाफ विधिक कार्रवाई तो की ही जाएगी साथ में कालेज को तीन साल के डिबार करने की संस्तुति भी बोर्ड को कर दी जाएगी। बोर्ड परीक्षा के लिए जिले से बाहर के 10 छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति दी गई है। इस पर भी अधिकारियों की अनुमति लेना व विद्यार्थियों के दस्तावेज सुरक्षित रखने के निर्देश भी हैं।
छात्रों के दस्तावेज सुरक्षित रखने के निर्देश
अधिकारियों के कार्यालयों में शिकायतें आने पर सभी कालेज संचालकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि उन्होंने अगर बाहरी छात्रों को प्रवेश दिया है तो उनके दस्तावेज सुरक्षित रखें। परीक्षा से पहले कालेजों के पंजीकरण व अग्रसारण पत्रों की जांच की जाएगी। अगर कोई संचालक कागजात नहीं दिखा सका तो ऐसे विद्यार्थियों के प्रवेश निरस्त कर परीक्षा से दूर कर दिया जाएगा। संचालक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि बोर्ड परीक्षा से पहले कालेजों में प्रवेश पाने वाले जिले से बाहर के छात्र-छात्राओं के दस्तावेज चेक किए जाएंगे। इसके लिए टीमें गठित की जाएंगी। हर कालेज संचालक को बाहरी छात्रों के प्रवेश से संबंधित दस्तावेज सुरक्षित रखने हैं व निरीक्षण के समय दिखाने अनिवार्य हैं। गड़बड़ी मिलने पर विधिक कार्रवाई के साथ डिबार की संस्तुति भी की जाएगी।