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MLC Election : कांटे का है मुकाबला, जीत का सभी को भरोसा Aligarh news

शिक्षक में भाजपा प्रत्याशी डॉ. दिनेश वशिष्ठ व माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रत्याशी जगवीर किशोर जैन में टक्कर मानी जा रही है। सपा प्रत्याशी हवेंद्र सिंंह उर्फ हऊआ चौधरी ने भी दमदारी से चुनाव लड़ा है। निर्दलीय प्रत्याशी भी पीछे नहीं हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 11:52 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 11:52 AM (IST)
MLC Election : कांटे का है मुकाबला, जीत का सभी को भरोसा  Aligarh news
बाकी हकीकत तो मतगणना वाले दिन ही स्पष्ट हो सकेगी।

अलीगढ़, जेएनएन : विधान परिषद चुनाव में सीधे तौर पर तो किसी को जीता हुआ नहीं बताया जा सकता है,  मगर, मतदान की स्थिति को देखते हुए जो आकलन आया है, उससे प्रत्याशी भी कशमकश में हैं। जिले में स्नातक में देखा जाए तो भाजपा प्रत्याशी डॉ. मानवेंद्र प्रताप सिंंह व सपा-रालोद (संयुक्त) प्रत्याशी असीम यादव में कांटे की टक्कर है। निर्दलीय प्रत्याशी हरिकिशोर तिवारी भी पीछे नहीं हैं। शिक्षक में भाजपा प्रत्याशी डॉ. दिनेश वशिष्ठ व माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रत्याशी जगवीर किशोर जैन में टक्कर मानी जा रही है। सपा प्रत्याशी हवेंद्र सिंंह उर्फ हऊआ चौधरी ने भी दमदारी से चुनाव लड़ा है। निर्दलीय प्रत्याशी भी पीछे नहीं हैं। इनको मिले वोट किसी भी नैया डुबो सकते हैं। बाकी हकीकत तो मतगणना वाले दिन ही स्पष्ट हो सकेगी। 

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सभी दल कर रहे जीत का दावा

एमएलसी चुनाव में सभी दल अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। भाजपा से स्नातक प्रत्याशी डॉ. मानवेंद्र प्रताप ङ्क्षसह के लिए वोङ्क्षटग लिस्ट में गड़बड़ी थोड़ी ङ्क्षचताजनक है।शहर से लेकर देहात तक वोट क्रमांक, नाम न होना और परिमार्जित वोट थे। मगर, वे जीत मान रहे हैं। डॉ. मानवेंद्र प्रताप ङ्क्षसह का दावा है कि जिले में उन्हें करीब दस हजार वोट मिले हैैं। सपा-रालोद (संयुक्त) प्रत्याशी असीम यादव उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि उनका वोटर साइलेंट था। शहर में ऊपरकोट, सिविल लाइंस क्षेत्र में असीम यादव की काफी अच्छी पकड़ रही है। देहात में भी उन्होंने अच्छा चुनाव लड़ा है। हालांकि, स्नातक से निर्दलीय प्रत्याशी हरिकिशोर तिवारी ने भी दमदारी से चुनाव लड़ा। 15 वर्षों से लगातार कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष होने के चलते उनकी शिक्षकों के सभी संगठनों में पकड़ बताई जा रही है। स्नातक से जिले में शिक्षक संगठनों की ओर से डॉ. अनूप शर्मा भी मैदान में थे। कुछ ही जगह पर उनके बस्ते और कार्यकर्ता दिखाई दिए। उनके निवास स्थान के निकट नौरंगबाद में ही बस्तों पर भीड़ नहीं दिखी। उनके वोटर भी साइलेंट बताए गए हैं। स्नातक से ही निर्दलीय प्रत्याशी ओमप्रकाश आर्य भी मैदान में थे। शहर में उनके भी तमाम जगहों पर बस्ते दिखाई दिए। बस्ते पर इक्का-दुक्का कार्यकर्ता थे।

शिक्षक में भी कड़ा संघर्ष

शिक्षक एमएलसी में भाजपा प्रत्याशी डॉ. दिनेश वशिष्ठ व माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रत्याशी जगवीर किशोर जैन में कांटे का मुकाबला दिखा। भाजपाई वोङ्क्षटग फीसद अच्छी होने पर जीत मान रहे हैं। शिक्षक में 76.34 फीसद वोट पड़े हैं। डॉ. दिनेश का दावा है कि शहर से लेकर देहात तक वह सब जगह आगे रहे हैं। माध्यमिक शिक्षक संघ से चार बार के एमएलसी रहे जगवीर किशारे जैन भी शहर से लेकर देहात तक मजबूती से चुनाव लड़े हैैं। उनका कहना है कि एएमयू के शिक्षकों का वोट भी उन्हें मिला है। अन्य सभी शिक्षक संगठन उनके साथ हैं। जीत उनकी पक्की है। सपा से हेवेंद्र ङ्क्षसह उर्फ हऊआ चौधरी भी अपने को कम नहीं मान रहे हैं। हेवेंद्र ङ्क्षसह का दावा है कि उन्हें हर संगठन का सहयोग मिला है।

इनका कहना है

हमारे दोनों प्रत्याशी जीत रहे हैं। स्नातक में वोट कुछ गड़बड रहे, मगर बूथों का आकलन किया जाए तो अधिकतर वोट भाजपा को पड़े हैं। 

ऋषिपाल सिंंह, जिलाध्यक्ष भाजपा

हमारे दोनों प्रत्याशी जीत रहे हैं। स्नातक में असीम यादव ने दमदारी से चुनाव लड़ा। जिलेभर में मैंने भ्रमण किया, हर जगह उत्साह दिखा। शिक्षक में हेवेंद्र सिंंह की जीत तय है।

गिरीश यादव, जिलाध्यक्ष सपा

शिक्षा मित्रों ने दिया है साथ नैया लगेगी पार

शिक्षा मित्र के पद से इस्तीफा देकर विधान परिषद के स्नातक पद के लिए चुनाव मैदान में उतरे अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र के रहने वाले निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश कुमार शर्मा को शिक्षा मित्रों के साथ से अपनी नैया पार लगने की पूरी उम्मीद है। उनका कहना है कि सभी लोगों ने उनका साथ दिया है। उनका एक ही धेय है कि वर्ष 2004 के उपरान्त नियुक्त समस्त सरकारी कर्मियों को पुनः पुरानी पेंशन बहाली। प्रशिक्षित शिक्षा मित्रों अनुदेशकों एवं समस्त संविदा कर्मियों का नियमितीकरण। आंगनबाडी, प्रेरक, रसोइया आदि के लिये न्यूनतम वेतनमान का निर्धारण। विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मियों को समान कार्य, समान वेतन। स्नातक बेरोजगारों को 10,000 मासिक बेरोजगारी भत्ता स्थायी रोजगार की प्राप्ति तक। स्ववित्त पोषित विद्यालयों के हो रहे उत्पीड़न को रोकना। समस्त संविदा कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति। स्ववित्त पोषित विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को न्यूनतम प्रतिमाह 20000 सरकारी अनुदान। असंगठित क्षेत्रों के समस्त स्नातक युवाओं व शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सहकारिता बैंकों में सहभागिता सुनिश्चित कराना है।


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