ये है आधुनिकता का फंडा, मनमानी प्रक्रिया पर चला पोर्टल का डंडा Aligarh news
आधुनिकता के दौर में व्यवस्थाओं के क्रियान्वयन को आनलाइन माध्यम से जोड़ने की पहल पहले से ही की जा रही है। धीरे-धीरे इसी आधुनिक व आनलाइन प्रक्रियाओं को सरकारी महकमों में कर्मचारियों पर भी लागू किया जा रहा है।
अलीगढ़, जेएनएन । आधुनिकता के दौर में व्यवस्थाओं के क्रियान्वयन को आनलाइन माध्यम से जोड़ने की पहल पहले से ही की जा रही है। धीरे-धीरे इसी आधुनिक व आनलाइन प्रक्रियाओं को सरकारी महकमों में कर्मचारियों पर भी लागू किया जा रहा है। इन नई तकनीकियों के जरिए पुराने ढर्रे पर चल रही व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने की कवायद की जा रही है। इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है। अब शासन ने अपने सेवादाताओं के लिए अवकाश लेने के क्षेत्र में भी नया फेरबदल कर दिया है। पहले भी अवकाश का आवेदन पोर्टल के जरिए आनलाइन माध्यम से किया जा रहा था लेकिन उसमें सुधार करते हुए अब इसमें पाबंदी भी लगा दी गई है।
शिक्षकों के अवकाश के आवेदन पर पाबंदी
बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अब अवकाश के लिए आवेदन करने में पाबंदी लगा दी गई है। अभी तक जो व्यवस्था चल रही थी उसके तहत शिक्षक अवकाश करने के बाद मानव संपदा पोर्टल पर उसको फीड कर स्वीकृति करवाते थे। मगर अब मनमाने ढंग से अवकाश स्वीकृत करने पर रोक लगाई गई है। अब सुबह स्कूल खुलने से 15 मिनट पहले तक शिक्षक को उस दिन या आगे के दिनों का अवकाश मांगना होगा। इसके लिए मानव संपदा पोर्टल पर ही तत्काल आवेदन करना होगा। तभी उनका अवकाश स्वीकृत होगा। हालांकि स्कूल खुलने के बाद आकस्मिक अवकाश पर क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी? इस संबंध में रास्ता निकालने को विभागीय स्तर पर योजना तैयार की जा रही है। वहीं मेडिकल व प्रसूति अवकाश के लिए आवेदन के संबंध में शिक्षकों को तीन दिन के अंदर पोर्टल पर अवकाश का अावेदन करना होगा। हालांकि कुछ शिक्षक इसके विरोध में भी हैं। उनका तर्क है कि अगर मेडिकल या आकस्मिक अवकाश में शिक्षक गया है तो तीन दिन के अंदर आवेदन करने की बाध्यता क्यों रखी गई है? एक तो शिक्षक परेशानी में हो ऊपर से उस पर तीन दिन के अंदर अवकाश का आवेदन करने की टेेंशन हो। शिक्षकों की मांग को शासन स्तर से कितनी तवज्जो दी जाती है ये तो बाद की बता है लेकिन अभी जो व्यवस्था बनाई गई है, उसी के हिसाब से अवकाश के आवेदन किए जाएंगे। इस व्यवस्था से खंड शिक्षाधिकारियों के कंधाें पर जिम्मेदारी बढ़ गई है। शिक्षकों की ओर से किए गए अवकाश के आवेदनों को पहले खंड शिक्षाधिकारी स्तर से ही पास किया जाता है। फिर बीएसए उस अवकाश पर संज्ञान लेते हैं।
इनका कहना है
बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि शासन की ओर से जो व्यवस्था बनाई गई है उसी के अनुरूप सभी को अवकाश के आवेदन करने होंगे। शासन के आदेशों से अलग कोई प्रक्रिया अपनाएगा तो उसको मंजूरी नहीं होगी।