corona ये शहर आपका है, लापरवाही छोड़कर समझदार बनिए...
गुरुवार की सुबह नौरंगाबाद में नौ दुर्गा मंदिर के पास भयंकर भीड़ थी। लोग बिना मास्क के ही खरीदारी कर रहे थे। शारीरिक दूरी का किसी को ख्याल नहीं था। दोपहर करीब एक बजे रेलवे रोड के व्यस्ततम बाजार जाम में अटा पड़ा था।
जेएनएन, अलीगढ़ । कोरोना काल ने लोगों की पूरी दिनचर्या बदल दी है। सात महीने घरों में कैद रहने के बाद जीवन पटरी पर लौटने लगा है। लोग अब भी लापरवाही दिखा रहे हैं। बाजारों में भीड़ की तस्वीर आम हो गई है। दुकानों पर शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। दुकानों के बाहर लगे पोस्टर, बैनर यही कहते हैं कि ये शहर आपका है, लापरवाही छोड़कर समझदार बनिए।
मंदिर पर थी भीड़
गुरुवार की सुबह नौरंगाबाद में नौ दुर्गा मंदिर के पास भयंकर भीड़ थी। लोग बिना मास्क के ही खरीदारी कर रहे थे। शारीरिक दूरी का किसी को ख्याल नहीं था। लैपर्ड चक्कर काटकर लोगों को समझा भी रही थी। दोपहर करीब एक बजे रेलवे रोड के व्यस्ततम बाजार जाम में अटा पड़ा था। वाहनों की कतारें लंबी थीं। रसलगंज चौराहे पर दोपहर दो बजे ई-रिक्शा की लाइन लगी थी। चारों ओर से वाहनों के आने-जाने का सिलसिला चल रहा था। यहां कुछ देर को जाम लग जाता, फिर लोग बढ़ जाते। पुलिस यूं तो चालान काटने में व्यस्त थी। लेकिन, किसी को रोक लेती तो सबसे पहले मास्क के बारे में पूछा जाता। लोग तरह-तरह के बहाने लगाकर खुद की जान जोखिम में डालते दिखे।
बाजारों में रौनक
एटा चुगी की ज्वेलर्स ऋषि शर्मा का कहना है कि त्योहारों के चलते बाजारों में रौनक लौटने लगी है, मगर लोग नियमों को नहीं मान रहे है। इस समय संभलने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। होल चौक प्रदीप शर्मा का कहना है कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है। लोग लापरवाही नहीं छोड़ रहे। बिना मास्क के घूमते हैं। शारीरिक दूरी का ख्याल नहीं रखते। प्रशासन भी उदासीन है। किशनपुर तिराहा के तिलक गुप्ता का कहना है कोरोना काल में घरों में रहने के दौरान लोगों में जागरूकता आई है। अब बिना मास्क के नहीं निकलते। कुछ ही लोग हैं, जो लापरवाह हैं। मैरिस रोड के हरप्रीत सिंह का कहना है कि लोगों में कुछ हद तक समझदारी आई है, लेकिन सख्ती न होने से लापरवाही भी बढ़ रही है। प्रशासन बिना मास्क निकलने वाले लोगों पर कार्रवाई करे। एसपी सिटी अभिषेक कुमार ने बताया कि कोरोना को लेकर शासन की गाइडलाइन का पूरी तरह पालन कराया जा रहा है। नियमों को न मानने वाले लोगों के चालान भी काटे जा रहे हैं। जागरूक भी किया जा रहा है।