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इन्हें बचाने की जरूरत है, क्योंकि बदल रहा है समय, नहीं संभले तो होगी दिक्‍कत, जानिए मामला Aligarh news

नवरात्र में हर तरफ देवी मां की गूंज होगी। भक्ति के रस में सब डूब जाएंगे। देवी मां की प्रतिमा की स्थापना होगी। मां के जयकारों से पूरा देश गूंज उठेगा। गुरुवार को प्रथम नवरात्र के दिन मंदिर की स्थापना होगी। जगह-जगह मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित होगी।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 03:34 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 03:50 PM (IST)
इन्हें बचाने की जरूरत है, क्योंकि बदल रहा है समय, नहीं संभले तो होगी दिक्‍कत, जानिए मामला Aligarh news
श्री गंगा सेवा समिति के पदाधिकारियों ने तय किया है कि वह प्रतिमा को गंगा में बहाने से रोकेंगे।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । नवरात्र में हर तरफ देवी मां की गूंज होगी। भक्ति के रस में सब डूब जाएंगे। देवी मां की प्रतिमा की स्थापना होगी। मां के जयकारों से पूरा देश गूंज उठेगा। गुरुवार को प्रथम नवरात्र के दिन मंदिर की स्थापना होगी। जगह-जगह मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित होगी। इसलिए श्री गंगा सेवा समिति के पदाधिकारियों ने तय किया है कि वह प्रतिमा को गंगा में बहाने से रोकेंगे।

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केमिकल से जलीय जीवों को पहुंचता है नुकसान

समिति के संस्थापक किरन कुमार झा ने कहा कि गंगा तेजी से प्रदूषित हो रही है। ऐसे में यदि हम देवी प्रतिमाओं को डालेंगे तो और तेजी से प्रदूषण बढ़ेगा, क्योंकि प्रतिमा में कई प्रकार के केमिकल लगाए जाते हैं। उसके बाद यदि उन्हें नदियों में प्रभाहित किया जाता है तो चारों तरफ केमिकल पहुंच जाता है। यह केमिकल जलीय जीव जंतु को नुकसान पहुंचाता है, तमाम जीव नष्ट हो जाते हैं। उनके बचाने का कोई उपाय नहीं होता है। साथ ही इसी पानी से तमाम जगहों पर खेतों की सिंचाई होती है। इससे फसल प्रभावित होती है क्योंकि केमिकल काफी नुकसान दायक होता है।

नहीं संभले तो आने वाले दिनों में होगी दिक्‍कत

किरन कुमार झा ने कहा कि यदि हम अभी नहीं रोकेंगे तो आने वाले दिनों में बहुत बड़ी दिक्कत हो जाएगी। तमाम जगहों पर तो नदियों का पानी पीने के प्रयोग में लगाया जाता है, जो लोगों के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक है, उसके लिए हमें गंभीर होना पड़ेगा। समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि बहुत बड़ी चुनौती है कि हम नदियों को स्वच्छ रख सकें। इसके लिए गंगा में प्रतिमा को विसर्जित न करने से रोकना होगा। इसके लिए हमें समाज को जागरुक करना होगा। लोगाों को बताना होगा कि नदियों में देवी प्रतिमाओं को विसर्जित न करें। उन्हें मिट्टी में विसर्जित करें। अपने यहां प्राचीन समय में यह परंपरा थी जिसे हम भूल गए हैं। वैसे में गाय के गोबर से भी प्रतिमा बनानी चाहिए, जिससे हम उसे जल में भी विसर्जित कर सकते हैं । वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि इसके लिए बड़ा अभियान चलाएंगे।


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