यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र से कदम पीछे खींचने वाले विद्यालय संचालकों पर जांच की आंच
दो दर्जन से ज्यादा संस्थान ऐसे भी हैं जिनकी ओर से केंद्र न बनाने के आए आवेदन।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है। बोर्ड की ओर से जिले में 148 प्रस्तावित परीक्षा केंद्रों की सूची भी जारी कर दी गई है। अब अफसरों ने इन केंद्रों के संबंध में आपत्तियां मांगी हैं। इस पर 200 से ज्यादा आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं। इनमें करीब दो दर्जन वे भी संस्थान संचालक हैं, जिन्होंने पहले तो केंद्र बनाने के लिए आधारभूत सूचनाएं अपलोड की थीं, लेकिन अब अपने कालेज को केंद्र बनाने से मना कर रहे हैं। ऐसे संस्थानों की जांच शिक्षाधिकारी कराएंगे।
यूपी बोर्ड की साइट पर आधारभूत सूचनाएं देने में सभी कालेज आगे रहे। अब जब बोर्ड से सूची जारी की गई तो ऐसे भी आवेदन सामने आए हैं, जिनको अपना विद्यालय परीक्षा केंद्र नहीं बनवाना है। हालांकि अफसरों का कहना है कि परीक्षा समिति के सामने सभी आपत्तियों को रखा जाएगा। विभागीय सूत्रों का कहना है कि कुछ केंद्रों के संचालकों ने भौतिक सत्यापन के समय अपने संस्थान में किराये का फर्नीचर भी रखवाया था। अब अफसरों का कहना है कि जो संस्थान संचालक अपने कालेज को केंद्र नहीं बनाने का आवेदन कर रहे हैं उनके यहां पड़ताल भी कराई जाएगी आखिर उनके यहां क्या समस्या है? वहां विद्यार्थियों को परीक्षा देने में क्या दिक्कत आ सकती है? डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि सभी आपत्तियों को समिति के समक्ष रखा जाएगा। कुछ ही विद्यालयों के आवेदन हैं कि वहां केंद्र न बनाया जाए। पता कराया जाएगा कि आखिर वहां क्या खामियां हैं। कहीं नकल न होने की आशंका पर उन्होंने अपने विद्यालयों को केंद्र बनाने से इन्कार तो नहीं किया है, इस बात की भी जांच की जाएगी। यह पता चलता है कि वे सिर्फ नकल कराने के लिए ही अपने विद्यालय को केंद्र बनाना चाहते थे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।