निगेटिव रिपोर्ट है और बंदी संदिग्ध है तो जेल में हो रहे आइसोलेट Aligarh news
कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए जिला कारागार में भी पूरी सावधानी बरती जा रही है। ऐसे में जो नए बंदी आ रहे हैं उन्हें अलग बैरक में रखा जा रहा है। इसके साथ ही जिन बंदियों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए जिला कारागार में भी पूरी सावधानी बरती जा रही है। ऐसे में जो नए बंदी आ रहे हैं, उन्हें अलग बैरक में रखा जा रहा है। इसके साथ ही जिन बंदियों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है। इसके बावजूद अगर सर्दी जुकाम जैसे कोई लक्षण हैं तो उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है। जेल में फिलहाल 20-25 बंदियों को आइसोलेट किया जा रहा है। इन्हें दूध में हल्दी डालकर पिलाई जा रही है। साथ ही काढ़ा भी दिया जा रहा है।
अलीगढ़ जेल में करीब तीन हजार छह सौ कैदी
इस समय अलीगढ़ जेल में करीब तीन हजार छह सौ कैदी-बंदी हैं। वहीं रोजाना 30 बंदी नए आते हैं। ऐसे में नए बंदियों की पहले थर्मल स्कैनिंग होती है। फिर इन्हें अस्थाई जेल में रखा जाता है। यहां इनकी टेस्टिंग होती है। सबकुछ ठीक मिलने के बाद भी इन्हें मुख्य बैरकों में शिफ्ट किया जाता है। वहीं अगर किसी बंदी की रिपोर्ट निगेटिव होती है और उसमें कोरोना संबंधी कोई लक्षण दिखता है तो उसे आइसोलेट किया जा रहा है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि जेल में सतर्कता बरती जा रही है। संदिग्ध बंदियों को आइसोलेट किया जा रहा है।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग से हो रही बंदियों की पेशी
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला कारागार में मुलाकात पूरी तरह बंद हैं। लेकिन, हालात ठीक होने पर बंदियों को कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। मगर अब फिर से बंदियों की पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से करवाई जाएगी। रोजाना बंदियों के टेस्ट भी करवाए जा रहे हैं। 45 साल से ऊपर की उम्र वाले बंदियों को टाकी लगवायया जा रहा है।