गांव की बदहाली व गंदगी में उलझकर रह गया 'विकास' का पहिया
क्षेत्र का विकास कौन नहीं चाहता? कस्बा हो या गांव। वहां रहने वालों को मांग हर तरह की सुविधा की होती है। चुनाव के समय विकास के सपने पूरे करने के वायदे तक होते हैं। कुछ इलाकों में काम हो जाते हैं कुछ में अधूरे रह जाते हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। क्षेत्र का विकास कौन नहीं चाहता? कस्बा हो या गांव। वहां रहने वालों को मांग हर तरह की सुविधा की होती है। चुनाव के समय विकास के सपने पूरे करने के वायदे तक होते हैं। कुछ इलाकों में काम हो जाते हैं, कुछ में अधूरे रह जाते हैं। शाहजहांपुर नगला ऊंचे में तो विकास कार्य हुए ही नहीं। कहीं गंदगी के ढेर हैं तो कहीं बदहाल सड़क। इससे पूरे क्षेत्र में नाराजगी है।
जनप्रतिनिधियों द्वारा उपेक्षा से ग्रामीण नाराज
लोगों का कहना है के उनके गांव की तरफ जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। गांव में कच्चे रास्ते हैं। पानी निकासी की व्यवस्था के लिए लंबे समय से लोगों की मांग बनी हुई है। गांव में एक बारात घर और एक खेल का मैदान बनवाने की भी मांग है, लेकिन अब तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। कच्ची सड़क और जलभराव की समस्या और बिजिली ना होना आज भी बड़ा मुद्दा है। गांव के दलवीर सिंह ने बताया बिजली की मांग को लेकर कई बार क्षेत्रीय विधायक के घर पर जाकर मिल चुके हैं, लेकिन उन्होंने समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
इनका कहना है
पांच साल पूरे हो गए, लेकिन क्षेत्रीय विधायक आज तक गांव में नहीं आए। चुनाव के समय उन्होंने वादा किया था कि गांव को बिजली दिलाई जाएगी लेकिन आज तक बिजली नहीं मिली।
-अभिषेक कुमार, ग्र्रामीण
गांव में कोई विकास नहीं हुआ है कच्ची नालियां और कच्ची सड़कें हैं। गांव के लोगों को बिजली तक की सुविधा नहीं मिली है।
- प्रदीप कुमार, ग्र्रामीण
गांव में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। सड़क पर पानी भरा हुआ है, जिससे निकालने में परेशानी होती है। गंदगी से बीमारियों का भय बना रहता है।
- रोहित कुमार, ग्र्रामीण
अधिकारियों ने समझाया
क्षेत्र के लोगों की नाराजगी की जानकारी पर एसडीएम कोल संजीव कुमार ओझा, सीओ अतरौली, एसओ हरदुआगंज राजेश कुमार शाहजहांपुर नगला ऊंचे पहुंचे। इन अधिकारियों ने लोगों को समझा और बिजली उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। साथ ही मतदान के लिए प्रेरित किया। बाद में चौकी इंचार्ज सनोज कुमार ने गांव में लगे चुनाव बहिष्कार के पोस्टर बैनर हटवा दिए।
Edited By Anil Kushwaha