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अलीगढ़ में ट्रांसपोर्ट नगर के जमीन में धंसे गए 'पहिये'

बहुप्रतीक्षित ट्रांसपोर्ट नगर में फिर पेंच फंसता दिखाई दे रहा है। ल्हौसरा के किसान सर्किल रेट से दोगुने मुआवजे मांग कर रहे हैं, जबकि प्रशासन सर्किल रेट के हिसाब से ही देने के लिए राजी है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 10:41 AM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 10:41 AM (IST)
अलीगढ़ में ट्रांसपोर्ट नगर के जमीन में धंसे गए 'पहिये'
अलीगढ़ में ट्रांसपोर्ट नगर के जमीन में धंसे गए 'पहिये'

अलीगढ़ (सुरजीत पुंढीर)। बहुप्रतीक्षित ट्रांसपोर्ट नगर में फिर पेंच फंसता दिखाई दे रहा है। ल्हौसरा के किसान सर्किल रेट से दोगुने मुआवजे मांग कर रहे हैं, जबकि प्रशासन सर्किल रेट के हिसाब से ही देने के लिए राजी है। सहमति न होने से प्रशासन अब नई जमीन की तलाश करने लगा है। इस समस्या पर अधिकारियों ने तेजी के साथ काम करना शुरू कर दिया है।

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शहर में नहीं हैं ट्रांसपोर्ट नगर

ताले और हार्डवेयर के कारोबार के चलते यहां से कई प्रदेशों में माल जाता है। शहर में एक हजार से ज्यादा ट्रक हैं, लेकिन यहां ट्रांसपोर्ट नगर नहीं है। पिछले कई दशकों से इसकी स्थापना के लिए मांग चल रही है। ट्रांसपोर्टरों ने कई बार हड़ताल व धरना-प्रदर्शन तक किया है।

जमीन का कराया सर्वे

ल्हौसरा में देखी गई जमीन मंडलायुक्त अजयदीप सिंह ने इसके लिए पहल शुरू की थी। पिछले दिनों एडीए से ल्हौसरा में जमीन का सर्वे कराया। इसमें 100 एकड़ जमीन पर मुहर लगा दी। इसके बाद किसानों से सहमति पत्र मांगा गया। सर्किल रेट पर जमीन अधिग्रहण तय हुआ, लेकिन किसान अब सर्किल रेट से दोगुनी कीमत मांग रहे हैं। प्राधिकरण के अफसरों के पास अब तक महज दो-तीन किसानों की ही सहमति आई है।

जमीन चिह्नित करने के दिए निर्देश

एडीए के उपाध्यक्ष का प्रभार देख रहे डीएम चंद्रभूषण सिंह ने अफसरों को एक और नई जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सरकारी जमीन के आसपास ही निजी जमीन वाले हिस्से को प्राथमिकता देने को कहा है।

बाजार में कीमत डेढ़ गुनी

ल्हौसरा के आसपास इन दिनों सर्किल रेट 7.40 लाख रुपये प्रति बीघा है। बाजार की कीमत 12 से 15 लाख रुपये तक है। इसी कारण किसान दो गुने सर्किल रेट पर अड़े हुए हैं। कुछ किसान बाजार की कीमत पर भी जमीन देने के लिए तैयार हैं।

सड़क सहारे खड़े रहते हैं वाहन

ट्रांसपोर्ट नगर न होने से शहरवासियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खास बात यह है कि शहर में ज्यादातर ट्रक, मेटाडोर आदि सड़क के सहारे खड़े कर दिए जाते हैं, इसकी वजह से जाम तक लग जाता है। सासनी गेट चौराहा के निकट, जीटी रोड सारसौल, शाहकमाल रोड, धनीपुर मंडी के पास आदि ऐसे इलाके हैं जहां सड़क के सहारे वाहनों को खड़े हुए देखा जा सकता है। मजे की बात यह है कि इससे हो रही समस्या को लेकर अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है। बावजूद अधिकारी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

मुख्य बातें

-सर्किल रेट के हिसाब से दोगुना मुआवजा मांग रहे हैं किसान

पसोपेश

- प्रशासन सर्किल रेट के हिसाब से ही जमीन लेने को राजी

- ल्हौसरा में ट्रांसपोर्ट नगर के लिए 100 एकड़ जमीन की गई थी चिह्नित

-रोड के सहारे बने हुए हैं अवैध ट्रांसपोर्ट

-शिकायत के बावजूद अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

तलाशी जा रही नई जमीन

प्रभारी सचिव जोगेंद्र सिंह का कहना है कि ल्हौसरा में 100 एकड़ जमीन चिह्नित की गई थी। इसके लिए किसानों से सहमति पत्र मांगे गए हैं। एक अन्य स्थान पर भी नई जमीन तलाशी जा रही है। उम्मीद है कि शीघ्र ही जमीन मिल जाएगी।


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