ताला तालीम व तहजीब की नगरी में चार पीढिय़ों से प्रज्वलित है समाज सेवा की मशाल
शहर के बड़े सेठों में शुमार रघुवर दयाल की रुचि शुरू से ही समाज सेवा में थी। अनेक गरीब परिवारों की बेटियों की शादी व अन्य तरह की मदद किया करते थे। इस परिवार ने 1940 में सिकंदराराऊ में गौरीशंकर इंटर कालेज की स्थापना कराई।
मनोज जादौन, अलीगढ़ । ताला, तालीम व तहजीब के शहर अलीगढ़ में समाजसेवियों की कभी कमी नहीं रही है। आजादी से पहले अन्य शहरों से आने वाले लोगों को ठहरने के लिए स्थान की तलाश में भटकते देखा तो सेठ जयशंकर परिवार ने धर्मशाला का निर्माण करा दिया, जो सामान्य परिवारों के समारोह में भी उपयोगी साबित हुई। समाज सेवा की इस मशाल को चार पीढिय़ां प्रज्वलित किए हुए हैं। इस परिवार की शिक्षा, गरीब लोगों की मदद में भी अहम भूमिका रही है। हाल ही में धर्मशाला के भवन पर दो करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसे आधुनिक संसाधनों से जोड़ा गया है। इसका उपयोग आज भी निश्शुल्क है।
आजादी से पहले हुआ था जयशंकर धर्मशाला का निर्माण
जीटी रोड स्थित जयशंकर धर्मशाला का निर्माण आजादी से पहले हुआ था। शहर के बड़े सेठों में शुमार रघुवर दयाल की रुचि शुरू से ही समाज सेवा में थी। अनेक गरीब परिवारों की बेटियों की शादी व अन्य तरह की मदद किया करते थे। इस परिवार ने 1940 में सिकंदराराऊ में गौरीशंकर इंटर कालेज की स्थापना कराई। ये मूल निवासी सिकंदराराऊ के ही थे। रघुवर दयाल के पुत्र जयशंकर की 15 साल की उम्र में मृत्यु हो गई थी। इनकी पत्नी भागवती देवी ने अपने भतीजे भीष्मलाल वाष्र्णेय को गोद लिया। जो कारोबार के चलते 1937 में अलीगढ़ आकर मानिक चौक में रहने लगे। समाजसेवा की परंपरा को इन्होंने आगे बढ़ाया। इनकी मां ने अपने पति की याद में जयशंकर धर्मशाला का निर्माण कराया। इसके बाद श्री जयशंकर महादेव ट्रस्ट की स्थापना की गई। भीष्मलाल वाष्र्णेय के पुत्र इंजीनियर दिनेश चंद्र वाष्र्णेय ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक हैं। अपने जीवन के 78 बसंत देख चुके दिनेश चंद्र विरासत में मिली समाज सेवा को युवा अवस्था से ही आगे बढ़ाने में लगे रहे। वे वाष्र्णेय मंदिर अलीगढ़, वृंदावन स्थित अक्रूरधाम के भी ट्रस्टी हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में काम
दिनेश चंद्र वाष्र्णेय ने शिक्षा के क्षेत्र में भी सेवाएं दी है। 1984 में शहर की एचबी इंटर कालेज प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष व एसवी कालेज प्रबंध समिति के बिल्डिंग सेक्रेटरी रहे। 2012 में एसवी कालेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष रहे। तब इन्होंने समाज के लोगों के सहयोग से करीब तीन करोड़ रुपये के भवन व अन्य संसाधन उपलब्ध कराए। डीएवी इंटर कालेज के प्रबंधक भी रहे। निजी आइटी व इंजीनियङ्क्षरग कालेज में मनमानी फीस वसूली की शिकायत आने लगी, तब रियायती शुल्क पर मास कालेज आफ इंजीनियङ्क्षरग व मैनेजमेंट की स्थापना की।
समाजसेवा के क्षेत्र में काम
दिनेश चंद्र वाष्र्णेय रोटरी क्लब आफ लाक सिटी के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैैं। किसानों को रियायती कीमत पर संसाधन उपलब्ध कराने के लिए ग्रीनविजन एग्रो प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की है। यह कंपनी बीज, प्रशिक्षण, कृषि उपयोगी उपकरण उपलब्ध कराती है। सौ से अधिक किसान इसका लाभ ले रहे हैं।