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कोरोना की दूसरी लहर ने माध्यमिक शिक्षा में भी दिलाया आधुनिकता पर बल Aligarh news

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में आधुनिकता की जरूरत को देखते हुए आनलाइन शिक्षा के लिए कदम उठाते हुए व्यवस्थाएं करनी शुरू भी की गईं और पहले कोरोना काल से राहत मिलने के साथ स्कूलों में आधुनिकता के साथ पढ़ाई कराने की व्यवस्था भी लगभग पूरी कर ली गई थी।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 03:14 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 04:11 PM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर ने माध्यमिक शिक्षा में भी दिलाया आधुनिकता पर बल Aligarh news
माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अब कोरोना काल के बाद फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

अलीगढ़, जेएनएन ।  कोरोना संक्रमण की पहली लहर ने ही आधुनिकता के महत्व को समझा दिया था। शिक्षा जगत हो या कारोबार का क्षेत्र हर कहीं आनलाइन व्यवस्था जोर पकड़ चुकी है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में इसी आधुनिकता की जरूरत को देखते हुए आनलाइन शिक्षा के लिए मजबूती से कदम उठाते हुए व्यवस्थाएं करनी शुरू भी की गईं और पहले कोरोना काल से राहत मिलने के साथ स्कूलों में आधुनिकता के साथ पढ़ाई कराने की व्यवस्था भी लगभग पूरी कर ली गई थी। अब यही व्यवस्था माध्यमिक विद्यालयों में भी करने की पहल की जा रही है।

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स्‍कूलों में फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा मिलेगी

माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अब कोरोना काल के बाद फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। कोविड-19 दौर में आनलाइन माध्यम पर आश्रित हुई शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के लिए ये कदम उठाया गया है। परिषद की ओर से सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से उनके यहां उपलब्ध इंटरनेट सुविधा का ब्योरा मांगा गया है। हालांकि जिले में अभी तक लगभग किसी भी कालेज में हाईस्पीड फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा नहीं है। इन कालेजों को इस सुविधा से लैस करने को सूचना मांगी गई है। जिले में 94 एडेड, 35 राजकीय व करीब 625 वित्तविहीन कालेज हैं। कालेजों में इंटरनेट की सुविधा बेहतर होने से विद्यार्थियों को आनलाइन टीचिंग मैटीरियल भी उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही शिक्षक दूरदर्शन पर प्रसारण के लिए तैयार किए अपने शैक्षिक वीडियो को भी समय से अपलोड कर सकेंगे। वीडियो तैयार करने से लेकर उसको साइट पर अपलोड करने तक में अभी इंटरनेट की धीमी स्पीड के चलते शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पडता है। इसके लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास व सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश के लिए ब्राडबैंड रेडीनेस इंडेक्स के आकलन के संबंध में सूचना मांगी गई है। हालांकि इस व्यवस्था के लिए पहले भी कदम उठाए जा रहे थे लेकिन कोरोना काल के चलते व्यवस्था पर काम नहीं हो सका था। मगर अब कोरोना काल के चलते विद्यालयों में किए गए अवकाश के समय में ही ये काम पूरा कराने का प्रयास अफसरों की ओर से किया जा रहा है। 

इनका कहना है

डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि आनलाइन शिक्षा की जरूरत काे ध्यान में रखते हुए कालेजों में इंटरनेट सुविधा बेहतर करने की योजना है। हर प्रधानाचार्य को तय प्रारूप पर इंटरनेट कनेक्शन की सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण काल से राहत मिलने के बाद व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का प्रयास रहेगा।


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