बड़ी गहरी है शराब माफिया की जड़, परचून की दुकान पर बिकता है जहर Aligarh news
जहरीली शराब से हो रही मौतों से तमाम घरों में मातम छाया हुआ है। किसी ने पिता को खो दिया तो किसी ने बेटा। कई महिलाओं की मांग का सिंदूर मिट गया। चाराें तरफ हाहाकार मचा हुआ है। देहात में अवैध शराब का जाल एक-दो दिन में नहीं बिछ गया।
अलीगढ़, जेएनएन । जहरीली शराब से हो रही मौतों से तमाम घरों में मातम छाया हुआ है। किसी ने पिता को खो दिया तो किसी ने बेटा। कई महिलाओं की मांग का सिंदूर मिट गया। चाराें तरफ हाहाकार मचा हुआ है। देहात में अवैध शराब का जाल एक-दो दिन में नहीं बिछ गया। सालों से यह खेल चल रहा है। टारगेट पूरा करने के लिए शराब माफिया गांव में परचून की दुकानों पर शराब बिक्री के लिए रख देते हैं। शराब की क्वालिटी क्या है, इसे देखने वाला कोई नही होता? यही कारण है कि ठेका बंद होने के बाद भी लोगों को आसानी से शराब मिल रही है। शनिवार को टप्पल और पिसावा में हुई मौतों को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। जिला प्रशासन को इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाना होगा।
ठोस कार्रवाई न होने से पनपता है अवैध शराब का कारोबार
इगलास : क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर चलता है। हरियाणा प्रांत से तस्करी कर शराब लाने के साथ ही माफीया स्वयं भी नकली शराब तैयार करते हैं। पुलिस द्वारा माफियाओं पर गैंगस्टर जैसी कार्रवाई भी की गई है। इस साल पांच माह में आबकारी अधिनियम के तहत पुलिस ने 42 मुकदमें दर्ज किए गए हैं। इसके बाद भी अवैध शराब का कारोबार पनप रहा है। अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोग जमानत पर छूटने के बाद पुन: संलिप्त हो जाते हैं। ठोस कार्रवाई न होने से इनके हौसले बुलंद हो जाते हैं। आबकारी अधिनियम की धारा 60 (1)अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त लोगों के लिए वरदान से कम नहीं है। इस धारा में आरोपित को थाने से ही जमानत मिल जाती है। इसी लिए शराब तस्कर बेखौफ होकर काम करते हैं। वहीं ऐसे मामले में धारा 272 भी लगाई जा सकती है, जिसमें सजा के कड़े प्रावधान हैं। इसे अजमानतीय श्रेणी में रखा गया है।
चौबीस घंटे सेवा
जट्टारी: कस्बा में लाकडाउन के समय से ही शराब बेचने वालों के होंसले बुलंद हैं। पिछले साल भी शराब तस्करों ने अवैध रूप से शराब बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया था। कस्ब से गांव को जाने वाले किसी भी मार्ग पर शराब बिकती दिख जाएगी। एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कस्बा में तो शराब चौबीस घंटे उपलब्ध है। हां अतर इतना है कि ग्राहक को इसके लिए सरकारी दर से अधिक रुपये चुकाने पड़ते है। इस खेल में ठेका से जुड़े कर्मचारी भी शामिल होते हैं। मादक वाजिदपुर और आसपास के क्षेत्रों में शराब का शुरू से ही अवैध कारोबार रहा है। पंचायत चुनाव में भी खूब शराब खपाई गई। पुलिस ने भी लाखों रुपए की अवैध शराब पकड़ी थी।
धारा भी नाकाफी
हरदुआगंज : थाना क्षेत्र में कहने को पुलिस अवैध शराब बेचने वालों को पकड़ रही है लेकिन शायद यह दिखावा भर है। असल खेल तो पुलिस की मिलीभगत से ही चल रहा है। अधिकारी गर्दन न पकड़ लें इसके लिए पुलिस धारा 60 (क) का गजब का इस्तेमाल कर रही है। गांवों में अवैध शराब बेचे जाने की शिकायत होने पर अफसरों की सख्ती पर पुलिस में क्षणिक खलबली जरूर मचती है, और पुलिस गांवों में अवैध शराब बेचने वालों को बंद करना शुरू कर देती है, महज 60 (क) एक्ट में कार्रवाई होने पर माफिया थाने से ही जमानत पर छूट जाता है और शाम को घर जाकर फिर शराब बेचना शुरू कर देता है। धारा 60(क) जमानतीय धारा है। ऐसे मामलों में आइपीसी की धारा 272 का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जिसमें सजा के कड़े प्रावधान हैं। बावजूद, यह नहीं लगाई जाती है, जिससे अवैध शराब का कारोबार जमकर फलफूल रहा है। सूत्रों के अनुसार पुलिस खुद शराब बेचने वालों से कहती है कि 60(क)में अपना चालान करा लो। फिर अपना काम करते रहना। जिससे कि अधिकारी पूछे तो यह कह सकें कि अभी पिछले दिनों तो पकडक़र बंद किया था। अवैध शराब बेचने की चेन माफिया इस कदर मजबूत कर चुके हैं कि कोई गांव इससे अछूता नहीं रहा।
हरदुआगंज थाने में तीन माह में 60 (क) में हुए चालान
21 मार्च को पंड्रावल छतारी बुलंदशहर के राधे सिंह को 20 पौआ सहित हरदुआगंज पुलिस ने पकड़ा
- बुढ़ासी के गांव निधौला निवासी भूरी सिंह को 19 पौआ सहित पकड़ा
-खिटकारी के निरंजन उर्फ जहूर को 25 पौआ सहित पकड़ा
23 मार्च को नयाबंास नरेंद्रगढ़ी के सुरेंद्र शर्मा को 20 पौआ सहित पकड़ा
- मार्च को गांव बरौठा के रनवीर सिंह को 20 पौआ सहित पकड़ा
25 मार्च को सिकंदरपुर के खड्क सिंह को 22 पौआ सहित पकड़ा
28 मार्च को बुढ़ासी के इरफान को 40 पौआ सहित पकड़ा
12 अप्रैल को बुढ़ासी के राजा पुत्र इरफान को 22 पौआ सहित पकड़ा,
13 अप्रैल को आजमाबाद माछुआ निवासी देवेंद्र को 28 पौआ सहित पकड़ा
20 अप्रैल को समस्तपुर के राकेश कुमार को 24 पौआ सहित पकड़ा
28 अप्रैल को भीमगढ़ी निवासी नरेंद्र को 62 पौआ सहित पकड़ा
27 मई को बुढ़ासी के राजा को 19 पौआ सहित पकड़ा
गंदा है पर धंधा है
- अवैध शराब के कारोबार में लागत कम मुनाफा ज्यादा
-शराब की एक पेटी पर होती है तीन हजार की बचत
-रैक्टीफाइड स्प्रिट, पानी व रंग से तैयार होती है अवैध शराब
-शराब की तीव्रता बढ़ाने के लिए यूरिया का भी होता है प्रयोग
-मुनाफा कमाने के चक्कर में ठेकेदार भी हो जाते हैं संलिप्त
-हरियाणा से ग्रामीण क्षेत्रों में होकर लाई जाती है शराब
-बाइक, कार व चार पहिया वाहन को डबल स्टोरी बनाकर होती है सप्लाई
-ग्रामीण क्षेत्रों में परचून की दुकानों पर भी होती है बिक्री
-अवैश शराब पकडऩे के बाद चैन को तोडऩे का नहीं होता प्रयास
-फुटकर में शराब बेचने वाला कहां से लाया इसका नहीं होता पुलिस के पास जवाब
-विभाग द्वारा गुडवर्क दिखाने के लिए होती है छोटी कार्रवाई