बारिश ने हटाए प्रशासन के मरहम, हाइवे पर गड्ढों के जख्म से घायल हो रहीं सड़कें Aligarh news
हाईवे जिसपर हर किसी की नजर रहती है उसे तो चमका दिया जाता है मगर उससे निकल रहे सर्विस लेन पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। तमाम जगहों पर तो सर्विस लेन पगडंडी से भी खराब हालात में हैं वहां पैदल निकलना मुश्किल हो जाता है।
अलीगढ़, जेएनएन । हाईवे जिसपर हर किसी की नजर रहती है उसे तो चमका दिया जाता है, मगर उससे निकल रहे सर्विस लेन पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। तमाम जगहों पर तो सर्विस लेन पगडंडी से भी खराब हालात में हैं, वहां वाहन की बात तो छोड़ दीजिए, पैदल निकलना मुश्किल हो जाता है। आगरा रोड पर मंदिर के नगला के पास निकल रहे गाजियाबाद-अलीगढ़ हाईवे की भी इनदिनों यही स्थिति है। सर्विस लेन पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं कि वाहनों का निकलना मुश्किल हो रहा है, आएदिन यहां वाहन पलटते रहते हैं।
मथुरा रोड की ओर हालत खराब
गाजियाबाद-अलीगढ़ हाईवे फोरलेन है। हाईवे से होते हुए तमाम जगहों पर सर्विस लेन निकाले गए हैं। गभाना से लेकर खेरेश्वरधाम तक तो स्थिति ठीक है। मगर खेरेश्वरधाम से पनेठी की ओर बढ़ते ही सर्विस लेन की हालत बद से बदत्तर है। मथुरा रोड की ओर निकल रहे सर्विस लेन काफी खस्ताहाल में है। उससे आगे बढ़ने पर आगरा और अलीगढ़ के लिए मुड़ रहे सर्विस लेन की स्थिति तो और ही खराब है। यह सर्विस लेन आगरा हाईवे को भी जोड़ता है। शेखर सर्राफ मेमोरियल हास्पिटल के एकदम नजदीक है। सर्विस लेन पर बिना बारिश के ही जलभराव रहता है। बिन बारिश के ही पानी यहां हिलोरे मारता है। इनदिनों तो बारिश होने से और हालात खराब है। आगरा रोड से शहर की ओर मुड़ने पर ही मुसीबत खड़ी हो जाती है। इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं कि ट्रक आदि वाहनों के पहिए उसमें समा जाते हैं। मैक्स, लोडर, ई-रिक्शा और दोपहिया वाहन अक्सर पलट जाते हैं। रात में तो इस मार्ग से निकलना मुश्किल होता है। कमोवेश यही स्थिति आगरा की ओर मुड़ने पर भी है, उसकी सर्विस लेन भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है।
हर समय रहता है जलभराव
मंदिर नगला और पास ही कालोनी का पानी हाईवे के सर्विस लेन पर आता है। जिससे सर्विस लेन पर हमेशा जलभराव बना रहता है। इसके चलते सड़क पर गड्ढे हो गए हैं, जिससे गड्ढों का अंदाजा ही नहीं लग पाता है। तीन-चार महीने पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला आए थे तो पानी निकासी का रास्ता बना दिया गया था, मगर उसके बाद से फिर कोई चिंता नहीं की जा रही है, जिससे लोगों के सामने परेशानी खड़ी हो रही है। शहर के अधिकांश लोग अपने वाहनों से दिल्ली जाते हैं। मंदिर का नगला के पास से आगरा हाईवे से गाजियाबाद-अलीगढ़ हाईवे की ओर मुड़ते हैं तो उन्हें गड्ढों से होकर जाना पड़ता है। कार, स्कूटर और बाइक के पहिए पूरी तरह से गड्ढे में समा जाते हैं। बाइक सवार अक्सर गिरकर घायल होते रहते हैं।
जीटी रोड पर भी स्थिति खराब
जिले में मुख्य मार्गों पर भी गड्ढे बने हुए हैं। जीटी रोड पर सारसौल चौराहे के पास से तो निकलना ही मुश्किल है। चौराहे के पास दोनों तरफ एक-एक मीटर भी सड़क नहीं है। फुटपाथ कच्चा होने के चलते थोड़ी सी बारिश में जलभराव हो जाता है। इस समय चौराहे से लेकर होटल आभा ग्रांड तक फुटपाथ पर कीचड़ बना हुआ है। रोड की चाड़ाई अधिक न होने के चलते वाहन चालकों को अपने वाहन फुटपाथ पर उतारना पड़ता है, जिससे दोपहिया वाहन स्लिप कर जाते हैं। यहां आएदिन हादसा हो रहा है। वहीं, एफसीआइ के गोदाम के चलते जीटी रोड पर अक्सर ट्रक खड़े रहते हैं, जिससे इस समय फुटपाथ कीचड़ से सना हुआ है।
रामघाट रोड पर जलभराव
रामघाट रोड पर पीएसी के पास पेट्रोल पंप के सामने इस समय भीषण जलभराव बना हुआ है। बारिश के बाद से स्थिति और खराब हो गई है। आधे से अधिक सड़क पानी में डूबी हुई है, तालाब जैसी स्थिति बनी हुई है। जलभराव के चलते वाहनों का निकलना मुश्किल हो रहा है। सड़क भी गड्ढे में तब्दील हो गई है। यहां भी तीन महीने पहले राज्यपाल आनंदीेेबेन के निकलने के चलते जलभराव खत्म कर दिया गया था, मगर उसके बाद फिर जस की तस स्थिति बन गई है। पीडब्ल्यूडी भी जलभराव को लेकर संबंधित लोगों को नोटिस नहीं देता है।
इनका कहना है
हाईवे से सटे सर्विस लेन पर गड्ढे को लेकर मैं भी चिंतित हूं, मगर वहां पानी की निकासी का कोई रास्ता नहीं है। कालोनी का पानी सड़क पर आ जाता है। यदि नगर निगम कोई नाला बनाता है तो पानी की निकासी का रास्ता बन सकता है। बहरहाल, कोई समुचित उपाय देखता हूं।
पीपी सिंह, परियोजना प्रबंधक एनएचएआइ
पब्लिक बोल
जीटी रोड पर तो इस समय चलना भी मुश्किल है। एक तो सड़क बमुश्किल एक मीटर होगी दूसरे बारिश के चलते फुटपाथ पर जलभराव है, जिससे दोपहिया वाहन निकल नहीं पा रहे हैं। आएदिन लोग गिरकर घायल होते रहते हैं, मगर अधिकारी ध्यान नहीं देेते।
राेहित सिंह, सारसौल
मंदिर का नगला के पास से हाईवे पर चढ़ना मुश्किल हो गया है। सर्विस लेन पर बडे़-बडे़ गड्ढे बने हुए हैं। ट्रक के पहिए भी उसमें समा जाते हैं। आएदिन वाहन फंस जाते हैं। इसके बावजूद एनएचएआइ के अधिकारी नहीं देखते हैं।
जीतेश वर्मा, महेंद्र नगर