कांग्रेस के 'शक्ति एप' में छिपी दावेदार की लोकप्रियता, अलीगढ़ में मांगी जानकारी
लोकसभा चुनाव का कभी भी एलान हो सकता है। कांग्रेस ने दावेदारों का आंतरिक सर्वे भी कराया है। पार्टी के शक्ति एप से दिग्गजों से शीर्ष नेतृत्व राय ले रहा है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। लोकसभा चुनाव का कभी भी एलान हो सकता है। कांग्रेस ने दावेदारों का आंतरिक सर्वे भी कराया है। पार्टी के 'शक्ति एप' से दिग्गजों से शीर्ष नेतृत्व राय ले रहा है। दावेदार की लोकप्रियता के आकलन के लिए रायशुमारी चल रही है। इस एप की खासियत यह है कि अगर आप दी गई सूचना को गोपनीय रखना चाहते हैं तो वह रहेगी। अध्यक्ष राहुल गांधी व उनकी टीम के टॉप-टेन लोग इसे आपरेट करते हैैं। 'शक्ति एप' का राजस्थान व मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए प्रयोग किया गया था। स्थानीय मुद्दे विपक्षी दलों की सियासी चाल पर भी नजर रखी गई। नए नारे गड़े गए।
ऐसे जुड़े एप से
शीर्ष नेतृत्व ने एप से जुडऩे के लिए दो नंबर जारी किए हैं। इसमें एआइसीसी व पीसीसी सदस्य, जिला व शहर अध्यक्ष, विभिन्न विभागों के मुख्य पदाधिकारी शामिल किए गए हैं। डिजिटल डाटा के रूप में वोटर आइडी कार्ड की अनिवार्यता है। नियुक्ति पत्र या पार्टी का आइकार्ड जरूरी है। एप पर पहले अनुरोध भेजा जाएगा। एप के प्रबंधन में जुड़े लोग उसकी छवि और सक्रियता को जांचेंगे।
मुझे सबसे पहले जोड़ा गया था
पूर्व महानगर अध्यक्ष तलहा अबरार का कहना है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में मुझे अलवर का पर्यवेक्षक बनाया गया था। कई माहकैंप किया। सबसे पहले मुझे 'शक्ति एप' से जोड़ा गया। इस एप पर शीर्ष नेतृत्व दिशा निर्देश देता था।
सुझाव के लिए मुझे भी कहा गया
प्रदेश युवक कांग्रेस के सचिव गौरांग देव चौहान ने बताया कि मैं पीसीसी की बैठक में भाग लेने गया था। तब इस एप पर चुनाव प्रबंधन से जुड़ी जानकारी, अपने सुझाव देने के लिए कहा गया। हम इसे वार रूम में शस्त्र के रूप में प्रयोग करने जा रहे हैं।
एप से पूछी गई प्रत्याशी की पसंद
कार्यकर्ता नितिन वाल्मीकि का कहना है कि पार्टी ने एप के जरिये भी प्रत्याशी की पसंद पूछी है। हमने अपनी पसंद बता दी है। शीर्ष नेतृत्व एप पर दी जाने वाली जानकारी को लोकप्रियता का पैमाना मान सकता है। राहुल गांधी तक बात पहुंचाने का सशक्त माध्यम है।