अफसरों की हठधर्मिता से नहीं मिलता योजनाओं का लाभ, अलीगढ़ में बोले राज्य सफाई आयोग के चेयरमैन
चेयरमैन ने कलक्ट्रेट में अफसरों के साथ समीक्षा बैठक में जताई नाराजगी।
जासं, अलीगढ़ : राज्य सफाई आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्रनाथ वाल्मीकि ने कहा कि श्रमिकों, वंचितों, शोषितों और पिछड़ों को समाज की मुख्यधारा में लाने की जरूरत हैं। इसके लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की तमाम योजनाएं हैं। आवश्यकता जरूरतमंदों तक उन्हें पहुंचाने की है। सरकार चाहती है कि सफाईकर्मियों की स्थिति में सुधार हो, उन्हें पुनर्वासित किया जाए, परंतु कुछ अफसरों की हठधर्मिता से उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। कलक्ट्रेट में अफसरों के साथ बैठक में सुरेंद्र नाथ ने इस रवैये पर नाराजगी जताई। कहा, हमें सफाईकर्मियों के दुख-दर्द को सुनना होगा, उनकी समस्याओं के निराकरण में तत्परता दिखानी होगी।
उन्होंने कहा कि संविदा व आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों को श्रम विभाग के नियमों के अनुसार मजदूरी दिलाई जाए। शिक्षित सफाई कर्मचारियों को वरिष्ठता के अनुरूप प्रोन्नत किया जाए। बैकलाग कोटे से भर्ती सफाई कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची और कितने सफाई कर्मचारियों को प्रोन्नति का लाभ दिया गया, इसे आयोग को उपलब्ध कराया जाए। राज्य सफाई आयोग के सदस्य मनोज कुमार वाल्मीकि ने कहा कि कुछ जिलों में संविदा कार्मिकों की ईपीएफ कटौती नहीं की जा रही है, ईएसआइ कार्ड भी नहीं बनाया जा रहा है। इस पर ध्यान दिया जाए। नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायतों में जनसंख्या के अनुरूप सफाई कर्मचारियों को रखा जाए। कच्चे मकान वाले सफाई कर्मचारियों को प्राथमिकता से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाए।
अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि नगर निगम में सभी संविदा कर्मचारियों को ईपीएफ कटौती कराकर ईएसआइ कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बैठक में नगर मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार वर्मा, सीएमओ डा. आनंद कुमार उपाध्याय, सीएमएस डा. अनुपम भास्कर, डा. रामकिशन, डा. अंजू रानी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी व नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी मौजूद थे।
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1000 सफाईकर्मियों की हो भर्ती
नगर सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष प्रदीप भंडारी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष को मांगपत्र दिया। प्रदीप भंडारी व स्थानीय निकाय सफाई मजदूर संघ के प्रांतीय महामंत्री बिल्लू चौहान ने कहा कि 1994 में नगर पालिका थी, अब नगर निगम हो गया है। 1995 में अलीगढ़ नगर निगम बना। तब नगर निगम में 70 वार्ड थे, अब 80 हो गए हैं। 19 गांवों को नगर निगम की सीमा में शामिल किया गया है। उस हिसाब से सफाईकर्मियों की संख्या नहीं बढ़ी है। 2014 की जनसंख्या के आधार पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती नगर निगम में होनी चाहिए, जो नहीं हुई। नगर निगम में 1000 सफाई कर्मचारियों की भर्ती होनी चाहिए। इस मौके पर प्रांतीय उपाध्यक्ष आनंद शास्त्री, प्रांतीय मंत्री बबलू कमल, जिला महामंत्री आशीष नीरज, नितिन चौहान, सतीश, विपिन चंचल थे।