सीट बढ़ोतरी का मामला पहुंचा राज्यपाल तक, एबीवीपी ने एडीएम सिटी को सौंपा ज्ञापन Aligarh news
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) अलीगढ़ महानगर के कार्यकर्ताओं ने डिग्री कॉलेजों में सीट बढ़ाने की मांग को फिर से उठाया है। कॉलेजों मेें 33 फीसद सीट बढ़ाने की मांग को लेकर शनिवार को अंतिम चेतावनी भी दी है।
अलीगढ़, जेएनएन : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) अलीगढ़ महानगर के कार्यकर्ताओं ने डिग्री कॉलेजों में सीट बढ़ाने की मांग को फिर से उठाया है। कॉलेजों मेें 33 फीसद सीट बढ़ाने की मांग को लेकर शनिवार को अंतिम चेतावनी भी दी है। कार्यकर्ताओं व छात्रनेताओं ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी राकेश मालपाणि को सौंपा और कहा कि अगर दिसंबर तक छात्रहित में कोई फैसला नहीं लिया जाता तो संगठन मंडलभर में आंदोलन के लिए बाध्य होगा। एक दिसंबर से इसकी शुरुआत एसवी कॉलेज में विरोध-प्रदर्शन के साथ की जाएगी। कॉलेज के प्राचार्य व जिला प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार होगा।
33 प्रतिशत सीट बढ़ाने की मांग
महानगर मंत्री तनिष्क प्रताप सिंह के नेतृत्व में छात्रनेताओं ने डिग्री कॉलेजों में 33 प्रतिशत सीट वृद्धि की मांग उठाई। राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपा। महानगर मंत्री ने कहा कि पहले भी डीएस व एसवी कॉलेज के प्राचार्यों को कुलपति के नाम संबाेधित ज्ञापन सौंपकर आंदोलन की बात संगठन रख चुका है। ये अंतिम ज्ञापन प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल के पहुंचाया जा रहा है। अगर इसके बाद भी छात्रहित में कोई फैसला नहीं लिया जाता तो संगठन मंडलभर में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को बाध्य होगा। प्रदेशमंत्री बलदेव चौधरी सीटू ने कहा कि इस साल इंटरमीडिएट की कक्षाओं में सफल छात्र-छात्राओं का प्रतिशत काफी ज्यादा रहा है। जिले में तीन एडेड कॉलेज डीएस, एसवी व टीकाराम कन्या डिग्री कॉलेज हैं। इनमें सीमित सीटों के चलते विद्यार्थियों को प्रवेश लेने में खासी परेशानी हो रही है। कटऑफ भी काफी ज्यादा रहने से तमाम विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह गए हैं। इससे छात्रों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। अगर सीट बढ़ाने की मांग को नहीं माना गया तो कोविड-19 दौर मेें नियमों का पालन करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान कुनाल, करण, योगेंद्र, जतिन, मयंक, भूपेंद्र, हेमराज, अजीत, सचिन, मोहित, शाहरुख, अनिल, हरेंद्र आदि मौजूद रहे।
लगभग पूरी हो चुकी है प्रवेश प्रक्रिया
महानगर मंत्री ने कहा कि जिले के तीनों एडेड कॉलेजों में लगभग प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ऐसे में सैकड़ों छात्र प्रवेश से वंचित हैं। अच्छे नंबर व योग्यता होने के बावजूद पढ़ने वाले विद्यार्थी सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों को मोटी फीस देकर पढ़ने को मजबूर होंगे। ऐसे मेें जरूरतमंद परिवारों के बच्चे तो अपनी भविष्य की पढ़ाई भी नहीं कर पाएंगे। इसलिए दिसंबर से पहले इस संबंध में छात्रहित में फैसला लेना ही होगा।